चुनाव आयोग पहुंची चाचा-भतीजे की लड़ाई, एनसीपी और चुनाव चिह्न पर ठोका दावा

मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार की एनसीपी से बगावत के बाद सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी में फूट के बाद शुरू हुई लड़ाई अब एनसीपी पर अधिकार पर आ गई है। चाचा-भतीजे दोनों ने अपने-अपने दावे किए हैं। दोनों का कहना है कि उनके पास सबसे ज्यादा विधायक है। अजित पवार ने एनसीपी पर दावा ठोका है। साथ ही, एनसीपी के चुनाव चिह्न की भी मांग कर दी है।

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि भारतीय चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पार्टी चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी चुनाव आयोग के समक्ष एक कैविएट दायर किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि दोनों गुटों में चल रही पार्टी की लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए। साथ ही आयोग को जयंत पाटिल से भी एक चेतावनी मिली है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग आने वाले दिनों में इन आवेदनों पर कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए वह दोनों पक्षों से उसके समक्ष प्रस्तुत संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है।

अजित गुट ने किया 40 विधायकों के समर्थन का दावा
एनसीपी के कुल 53 विधायक है। अजित गुट का दावा है कि उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। राज्यपाल को लिखी चिट्ठी में भी 40 से अधिक विधायकों के समर्थन की बात की गई थी। समर्थन पत्र पर इन विधायकों के हस्ताक्षर भी मौजूद थे। हालांकि अजित पवार के अलावा 8 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। सूत्रों का कहना है कि शरथग्रहण के दौरान अजित गुट के 17 अन्य विधायक भी मौजूद थे। ऐसे में यह संख्या 40 से काफी कम है। अगर अजित पवार को दलबदल कानून से बचना है तो उन्हें कम से कम 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।

शरद पवार ले रहे कानून सलाह
अजित पवार के पास अगर 40 विधायकों को समर्थन हुआ तो उन्हें कानून रूप से काफी राहत मिल जाएगी। वह ना सिर्फ दलबदल कानून से बच पाएंगे बल्कि पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह को लेकर भी अपना दावा कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ है महाराष्ट्र में कुछ वैसी ही स्थिति सामने आ सकती है जैसी शिवसेना में फूट के दौरान देखने को मिली थी। शरद पवार की टीम भी पूरे मामले को लेकर कानूनी सलाह ले रही है।

महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को
एनसीपी के बागी नेता प्रफुल्ल पटेल ने एलान किया था कि अजित पवार सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र (प्रदेश अध्यक्ष) की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है। अनिल भाईदास पाटिल को हमने फिर से महाराष्ट्र विधानसभा में NCP का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है।

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