दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के मामले में आज सुनवाई हुई। पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस की कैंसिलेशन रिपोर्ट पर नाबालिग के पिता को नोटिस भेजा है। अदालत का कहना है कि कोर्ट नाबालिग का पक्ष जनना चाहता है। नाबालिग के पक्ष आने के बाद ही कोर्ट केस को रद्द करने पर फैसला लेगा।
भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग महिला पहलवान ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। बाद में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक कैंसिलेशन रिपोर्ट दायर की थी और कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत बृजभूषण पर दर्ज मामले में कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसी के साथ दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस को रद्द किये जाने की गुहार अदालत से लगाई थी। बृजभूषण पर नाबालिग महिला पहलवान के अलावा 6 अन्य महिला पहलवानों ने भी यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस अपनी चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इस मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के ही राउज एवेन्यू कोर्ट में जब सुनवाई हुई थी तब अदालत ने यौन आरोप से जुड़े केस को एमपी-एमएमलए कोर्ट में भेजा था। इससे पहले 15 जून को दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद के खिलाफ 1000 पन्नों से ज्यादा की चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा धारा 354, 354A, 354D लगाई थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट के जज हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि चार्जशीट काफी बड़ी है इसलिए इसे पढ़ने में थोड़ा वक्त लगेगा। अदालत ने दिल्ली पुलिस से सीडीआर रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में 7 जुलाई को सुनवाई होगी। बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद हंगामा मच गया था। चोटी के पहलवानों में शुमार बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक जैसे पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई दिनों तक प्रदर्शन भी किया था।
इन सभी पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। बाद में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के बीच बातचीत हुई थी। जिसके बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया था और बृजभूषण पर चार्जशीट दायर होने के बाद यह भी कहा था कि केंद्र सरकार ने अपना वादा पूरा किया इसलिए वो अपना प्रदर्शन स्थगित कर रहे हैं। इसी के साथ पहलवानों ने ऐलान किया था कि अब इस लड़ाई को सड़क पर नहीं बल्कि कोर्ट में लड़ेंगे।
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