‘ताली दोनों हाथों से बजती है’, भारत-चीन संबंधों पर विदेश मंत्री जयशंकर का जवाब

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कोलकाता। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक बार फिर एस जयशंकर ने टिप्पणी की है। विदेश मंत्री से जब पूछा गया कि क्या दो एशियाई दिग्गजों के बीच कामकाजी संबंध हो सकते हैं तो उन्होंने कहा अंततः ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है और चीन को भी व्यावहारिक रिश्ते में विश्वास होना चाहिए।

कोलकाता में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया था। इस व्याख्यान को नाम दिया गया नया भारत और विश्व। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के बारे में खुलकर बात की। इस कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि चीन ने भारत के साथ अपने रिश्ते खराब किए हैं। भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध चाहता है। हमने ये कोशिश हर स्तर पर की है। लेकिन चीन भारत की संप्रभुता का सम्मान नहीं करता, बल्कि उसने बार-बार इसका उल्लंघन किया है।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ताली दोनों हाथों से बजती है और किसी रिश्ते को चलाने के लिए दोतरफा प्रयास जरूरी होता है। जयशंकर ने कहा- अगर चीन हमसे रिश्ते सुधारना चाहता है तो उसे उन समझौतों का सम्मान और पालन करना होगा, जो दोनों देशों के बीच पहले हुए हैं। कोई एकतरफा और सिर्फ अपनी मर्जी से कोई बदलाव नहीं कर सकता। मेरा काम यही है कि मैं चीन को यह बताउं कि वो इन बातों को समझें। एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने साफ कर दिया कि चीन अपनी मर्जी से कोई बदलाव नहीं कर सकता। कोई भी देश इन बातों को कैसे मान सकता है कि दूसरा देश एकतरफा कदम उठाए। 1963 में यह सिलसिला चीन ने ही शुरू किया था। इसके बाद से उसकी हरकतें बढ़ती गईं। उसने पाकिस्तान के साथ सीपैक जैसा मंसूबा बनाया और इसे अंजाम देने की कोशिश की।

2020 से खराब है भारत-चीन के रिश्ते
भारत और चीन के बीच एलएसी पर पिछले तीन सालों में कई बार टकराव की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। अप्रैल, 2020 से भारत व चीन के बीच टकराव बढ़ा था, जोकि अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। इस दौरान, गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भयंकर हिसंक घटना भी हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि चीन के भी कई सैनिकों की मौत हुई। हालांकि, चीन ने अब तक मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है। वहीं, कुछ महीनों बाद फिर से फिर से दोनों देश के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। भारत ने चीन की किसी भी चाल से निपटने के लिए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में हथियार भी इकट्ठा किए हुए हैं। सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार हाई लेवल की बैठक भी हो चुकी है।

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