सरकारी खजाने में जाएगी माफियाओं की 500 करोड़ की संपत्ति

सीएम योगी

प्रयागराज। अतीक अहमद समेत करीब 10 माफिया की 500 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अब उप्र सरकार के खजाने में जाएगी। इसमें करीब साढ़े तीन अरब रुपये की अचल संपत्ति अतीक अहमद की है। इसके लिए पुलिस ने कवायद तेज कर दी है।

यूपी में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश में माफिया और भू माफियाओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है। गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत पुलिस ने अतीक अहमद, कुख्यात गोतस्कर मो. मुजफ्फर, पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा, अपराधी राजेश यादव, पप्पू गंजिया, नकल माफिया केएल पटेल सहित कई माफिया व अतीक के गुर्गों की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था। अपराध से अर्जित संपत्ति के संबंध में आरोपितों को जिलाधिकारी की कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए साक्ष्य पेश करना था, लेकिन ऐसा किसी ने नहीं किया। अब इसकी पूरी रिपोर्ट न्यायालय को भेजी जा रही है। माफिया को अदालत में भी खुद की कमाई से खरीदी गई जमीन और मकान से संबंधित साक्ष्य देने होंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनकी करोड़ों रुपये की अचल संपत्ति को स्थायी तौर पर जब्त कर लिया जाएगा और उसे राज्य सरकार के पक्ष में करने का आदेश हो जाएगा।

पुलिस का कहना है कि माफिया अतीक अहमद की झूंसी, चकिया, सिविल लाइंस, कसारी-मसारी, झलवा, लखनऊ, कौशांबी स्थित करीब तीन अरब 45 करोड़ रुपये की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया गया है। इसी तरह दिलीप मिश्रा की नैनी, औद्योगिक क्षेत्र, राजेश यादव की झूंसी, पप्पू की नैनी, केएल पटेल की मम्फोर्डगंज व गंगापार और मुजफ्फर की नवाबगंज, पूरामुफ्ती में जमीन, मकान को कुर्क किया था, जिसके बारे में उनकी तरफ से कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई है। ऐसी ही करीब 500 करोड़ से अधिक की प्रापर्टी को राज्य सरकार के खजाने में शामिल करने की कवायद पुलिस कर रही है।

प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की अपराध से अर्जित करीब 20 बड़ी संपत्तियों को गैंगस्टर की धारा 14 (1) के तहत कुर्क किया गया था । इसमें कुछ ज़मीने और प्लाट अतीक अहमद के नाम पर खरीदे गए थे, तो कुछ अतीक की पत्नी शाईस्ता परवीन के नाम पर। धूमन गंज थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में पुलिस ने खोज-खोज कर करीब 20 बड़ी संपत्तियों को पिछले 6 सालों में कुर्क किया था, जिसकी कीमत सरकारी रेट के हिसाब से 3 अरब 45 करोड़ 47 लाख होती है।

कहां-कहां फैली थी अतीक की संपत्ति
प्रयागराज के धूमनगंज के पीपल गांव, झलवा, सिलना भीटी, दामोपुर, कसारी मसारी, चकिया, पुरामुफ्ती, झूसी, फूलपुर, सिविल लाइन्स, लुकर गंज, जसनसेन गंज, रोशन बाग, कौशाम्बी और लखनऊ में भी कई बेशकीमती ज़मीनों और निर्मित भूखंडों को गैंगस्टर एक्ट में कुर्क करके नोटिस बोर्ड लगा दिया था। अब इन प्रॉपर्टीज़ को सरकार के अधीन किया जा सकता है जिसके लिए पुलिस अफसरों और राजस्व विभाग में कई दौर की मीटिंग हो चुकी है।

गैंगस्टर एक्ट में क्या होता है प्रावधान
गैंगस्टर एक्ट के मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस मजिस्ट्रेट के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 (1) के तहत आरोपी की उन सम्पत्तियों को कुर्क करती है जिसे आरोपी ने अपराध करके बनाया हो या कोई चीज़ खरीदी हो। गैंगस्टर एक्ट की धारा 16 और 17 में ऐसा प्रावधान है कि समय अवधि के अंदर आरोपी की तरफ से अगर जब्त सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त का ब्यौरा नहीं दिया जाता है तो उन सम्पत्तियों को सरकार के अधीन कर दिया जाता है।

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