आंदोलनकारी पहलवानों को ट्रायल में छूट पर योगेश्वर और विनेश फोगाट में जुबानी जंग

भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है।इन पहलवानों को छूट देने पर ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त नाराज हो गए। दूसरी ओर पहलवान विनेश फोगाट ने भी योगेश्वर दत्त पर हमला बोल दिया है।

योगेश्वर दत्त ने कहा कि छूट देनी है तो रवि दहिया को भी दो दीपक पूनिया को भी देनी चाहिए। तदर्थ समिति ने ऐसे ट्रायल लेने के क्या मापदंड अपनाए हैं। अगर आपको ऐसे ही ट्रायल लेने हैं, तो रवि दहिया है जो ओलंपिक का मेडलिस्ट है, दीपक पूनिया है वो भी गोल्ड मेडलिस्ट है व ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहा था। अंशु मलिक है, वर्ल्ड की सिल्वर मेडलिस्ट व ओलंपियन है। सोनम मलिक है। इनके अलावा और भी बहुत से पहलवान हैं, जो इस देश में नंबर वन है। लेकिन इन छह ही पहलवानों को ट्रायल में छूट देना, मेरी समझ से बाहर है। यह सरासर गलत है, ऐसा तो आज तक जो पहले पैनल थे, उसने भी नहीं किया है। योगेश्वर दत्त ने कहा कि हमारे जितने भी पहलवान हैं, उनसे अपील है कि आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। मैं यह नहीं कह रहा कि आप धरना दीजिए, प्रदर्शन कीजिए। आप खूब मेहनत कीजिए, पर आप अपनी आवाज जरूर उठाइए। आप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री, ओलंपिक एसोसिएशन को पत्र लिखिए और एडहॉक कमेटी के इस फैसले से उन्हें अवगत कराइए।

बिना ट्रायल के भी टीम भेजी
इतिहास में कभी भी किसी फेडरेशन ने ऐसे फैसले नहीं किए हैं। हां, उन्होंने बिना ट्रायल के भी टीम भेजी हैं, लेकिन नंबर वन टीम भेजी है। ट्रायल में छूट भी दी गई है, लेकिन वह सभी के लिए नहीं दी गई है। छूट उसी को दी गई जो आउटस्टैंडिंग पहलवान था और वर्तमान में जिसने अच्छा प्रदर्शन किया हो। यह पहलवान तो एक साल से भी ज्यादा समय से मैट से दूर हैं।

मैं गलत के खिलाफ जरूर बोलूंगा
साथ ही योगेश्वर दत्त ने कहा कि सभी खाप पंचायतें, किसान संगठन इस फैसले को जरूर देखिए। क्योंकि आपने इन पहलवानों का साथ दिया था। इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए आपका बहुत बड़ा योगदान रखा है। यह जो फैसला है या किसके लिए अच्छा और किसके लिए बुरा है। अब आप उस प्रदर्शन की हकीकत को जानिए कि वह यौन शोषण के खिलाफ हुआ था या ट्रायल में छूट के लिए किया गया था। यह फैसला तानाशाही वाला है, मैं गलत के खिलाफ जरूर बोलूंगा।

मेरा कोई भी निजी स्वार्थ नहीं
हरियाणा में कुश्ती की कष्ट निवारण समिति बनी थी, जिसके मुखिया कोच रणबीर ढाका और ज्ञान कोच हैं, जोकि एडहॉक कमेटी का भी हिस्सा हैं। उनके रहते हुए इस तरह का फैसला लिया गया है, वह भी इस पर विचार करें। यह फैसला बिल्कुल तानाशाही वाला लिया गया है। मैंने कुश्ती के लिए यह सब बातें बोली है, जहां भी कुश्ती के साथ कुछ गलत होगा, मैं जरूर बोलूंगा। इसमें मेरा कोई भी निजी स्वार्थ नहीं है।

विनेश ने सोशल मीडिया पर दिया जवाब
विनेश ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि जब कमेटी के सामने महिला पहलवान अपनी आपबीती बता रही थीं तो वह बहुत घटिया तरह से हंसने लगते थे। जब दो महिला पहलवान पानी पीने के लिए बाहर आईं तो बाहर आकर उनको कहने लगे कि बृजभूषण का कुछ नहीं होगा, जाकर अपनी प्रैक्टिस करो। एक दूसरी महिला पहलवान को बड़े भद्दे तरीके से बोला कि ये सब तो चलता रहता है इसको इतना बड़ा मुद्दा मत बनाओ।

विनेश फोगाट ने योगेश्वर पर लगाए आरोप
महिला पहलवान ने आगे कहा कि उन्होंने कहा था कि कुछ चाहिए हो तो मुझे बताओ। कमेटी की बैठक के बाद योगेश्वर ने महिला पहलवानों के नाम बृजभूषण और मीडिया को लीक कर दिये। उन्होंने कई महिला पहलवानों के घर फोन करके ये भी कहा कि अपनी लड़की को समझा लो। वह पहले ही सरेआम महिला पहलवानों के खिलाफ बयान दे रहे थे, उसके बावजूद उन्हें दोनों कमेटियों में रखा गया।

“इसलिए दो बार चुनाव हारे”
उन्होंने कहा कि वह पहलवानों और कोचों को महिला पहलवानों के आंदोलन में शामिल होने से लगातार रोकते रहे। सारा कुश्ती जगत समझ गया था कि योगेश्वर बृजभूषण की थाली का झूठा खा रहे हैं। समाज में कोई भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है तो योगेश्वर जरूर उल्टियां करते हैं। समाज से गद्दारी के कारण ही दो बार चुनाव में औंधे मुंह गिरे हो तुम और मैं चैलेंज करती हूं कि कभी जिंदगी में चुनाव नहीं जीतोगे, क्योंकि समाज जहरीले नाग से हमेशा सावधान रहता है और उसके कभी पैर नहीं लगने देता। विनेश ने कहा कि महिला पहलवानों को तोड़ने में इतना जोर मत लगाओ, इनके बहुत पक्के इरादे हैं। ध्यान रखना कहीं ज्यादा जोर लगाने से कमर न टूट जाए। रीढ़ तो पहले ही बृजभूषण के पैरों में रख चुके हो। तुम बहुत संवेदनहीन इंसान हो। जब तक कुश्ती में योगेश्वर जैसे जयचंद रहेंगे, यकीनन जालिमों के हौंसले बुलंद रहेंगे।

बता दें बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों को ट्रायल में छूट दी गई है। भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने छह आंदोलनकारी पहलवानों के लिए एशियाई खेलों और विश्व चैंपियनशिप की चयन प्रक्रिया को सिर्फ एक मुकाबले में जीत के बाद चयन करने की बात कही है। इन पहलवानों को दोनों प्रतियोगिताओं की भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए सिर्फ ट्रायल के विजेताओं को हराने की जरूरत होगी। छह पहलवानों में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा शामिल हैं। यह पहलवान 5 से 15 अगस्त के बीच ट्रायल के विजेताओं से भिड़ेंगे।

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