नागपुर। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, जो आसुरी शक्तियों को रास नहीं आ रहा है। इन लोगों को भारत के लोगों की एकजुटता रास नहीं आ रही है। वो भारतीय लोगों को तोड़ना चाहते हैं।
नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से भारत के सब लोग भारत के भाग्य का रथ खिंच रहे हैं। भारत आगे भी जा रहा है। ये आसुरी ताकतों को अच्छा नहीं लग रहा है। वो तरह-तरह के विषय निकालकर भारतीय लोगों को लड़वाना चाहते हैं क्योंकि कलियुग में मिलजुलकर रहना सबसे श्रेष्ठ है। संघ प्रमुख ने कहा कि जब तक हम भारत के लोग मिलजुलकर रहेंगे, तब तक दुनिया में कोई ताकत नहीं जो हमें हरा सकती। इसलिए वो हमें तोड़ना चाहते हैं। वो किसी भी हालत में अपने स्वार्थ को साधने के लिए समाज को तोड़ने की कोशिश करते हैं। देश को तोड़ने की कोशिशें समाज के बाहर से हो रही हैं। दुर्भाग्य से उन्हें उनका स्वार्थ पूरा करने के लिए भारत में भी लोग मिल जाते हैं।
वहीं आरएसएस ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा कि योग शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य रूप से समग्र जीवन पद्धति है। संघ ने कहा कि यह समस्त योग-प्रेमियों का कर्तव्य है कि वे दुनिया के कोने-कोने में योग का संदेश प्रसारित करें। आरएसएस ने ट्वीट किया, “योग विश्व को भारतीय सभ्यता की देन है। ‘युज’ धातु से बने योग शब्द का अर्थ है जोड़ना। योग केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, महर्षि पतंजलि जैसे ऋषियों के अनुसार यह शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को जोड़ने की समग्र जीवन पद्धति है।”
संघ ने कहा, “शास्त्रों में ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:’, ‘मन: प्रशमनोपाय: योग:’ तथा ‘समत्वं योग उच्यते’ आदि विविध प्रकार से योग की व्याख्या की गई है, जिसे अपनाकर व्यक्ति शांत एवं निरोग जीवन का अनुभव करता है।”