दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगे के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की स्पेशल सेल ने हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद अयाज को गिरफ्तार कर लिया है।
42 साल के रतनलाल राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तीहवाली गांव के रहने वाले थे। साल 1998 में वो दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में वो अपने परिवार के साथ रहते थे। रतन लाल की हत्या का मुख्य साजिशकर्ता करीब तीन साल से फरार चल रहा था। लेकिन दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने आखिरकार उसे पकड़ लिया। पुलिस ने अयाज के सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। मोहम्मद अयाज को भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका था।
स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी एचएस धालीवाल ने बताया कि इसे कर्नाटक के बेंगलुरु क्षेत्र से आगे एक गांव में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया है। मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने के लिए काफी समय से पुलिस की टीम लगी थी लेकिन इसका लोकेशन सही से पता नहीं चल पा रहा था। आखिरकार जून के पहले सप्ताह में स्पेशल सेल की टीम को पता चल गया कि वह बेंगलुरु से 100 किलोमीटर आगे चिकबलपुर जिला के एक गांव में छुपा है। स्पेशल सेल की टीम वहां पहुंची और इसे ट्रेप करके गिरफ्तार कर लिया।
फरवरी 2020 में हुए थे दंगे
फरवरी 2020 में नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली में दंगे हुए थे। इस दौरान कुल 53 लोगों की मौत हुई थी। इसमें आईबी अफसर अंकित शर्मा और रतन लाल भी शामिल थे। दिल्ली में दंगों के दौरान वजीराबाद रोड, चांद बाग में प्रदर्शनकारियों ने डीसीपी अमित शर्मा पर हमला कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन वे भी जख्मी हो गए। रतन लाल भी डीसीपी शर्मा को बचाने के लिए भीड़ से भिड़ गए। इस दौरान रतन लाल पर चाकू से भी हमला कर दिया गया था। इसके बाद उनकी मौत हो गई।