यूपी की जेल में बंद गैंगस्टर खान मुबारक की मौत

हरदोई। यूपी के हरदोई में जिला कारागार में बंद कुख्यात गैंगस्टर खान मुबारक की मौत हो गई है। खान मुबारक निमोनिया से पीड़ित था, उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

जिला कारागार में बंद खान मुबारक पिछले कुछ दिन से बीमार चल रहा था और उसका उपचार जिला कारागार के अस्पताल में चल रहा था, जहां मेडिकल कालेज के चिकित्सकों की टीम उसका नियमित चेकअप कर रही थी। सोमवार सुबह भी मेडिकल कालेज के चिकित्सक उसको देखने जिला कारागार में गए थे, जहां दोपहर करीब 3.15 बजे उसे सांस लेने में दिक्कत होने पर मेडिकल कालेज में भारी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ लाया गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ और फिजिशियन डा. पंकज मिश्रा ने गंभीर निमोनिया के संक्रमण से मौत होने की पुष्टि की।

अंबेडकर नगर के थाना हसवर के ग्राम हरसम्हार के खान मुबारक को यूपी एसटीएफ ने जुलाई 2017 को लखनऊ के पीजीआइ क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। तब उसके पास से कई आधुनिक असलहे भी मिले थे। खान मुबारक अंडर वर्ल्ड डान छोटा राजन गैंग का मुख्य हिस्सा था। उसके खिलाफ अपहरण, हत्या व अन्य संगीन धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

अंपायर को गोली मारने का बाद रखा था अपराध की दुनिया में कदम
तकरीबन डेढ़ दशक पूर्व इलाहाबाद में पढ़ाई करने के दौरान खान मुबारक ने क्रिकेट मैच के दौरान अंपायर द्वारा रन आउट देने पर अंपायर को गोली मार अपराध की दुनिया में दस्तक दी थी। उसके बाद वह अपने भाई जफर सुपारी के पास मुंबई भाग गया था। जफर सुपारी भी छोटा राजन के लिए काम करता था। उसी ने खान मुबारक की छोटा राजन से पहली बार मुलाकात कराई थी। इसके बाद वह छोटा राजन का विश्वासपात्र बन गया और उसके इशारे पर हत्या व रंगदारी जैसे अपराध करने लगा।

इसके बाद खान मुबारक ने इलाहाबाद में एक पोस्ट ऑफिस को लूट कर जरायम की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत की। अंबेडकर नगर में इसने पहली हत्या एक भट्ठा व्यवसायी एवं ट्रांसपोर्टर ऐनुद्दीन की हत्या मामूली विवाद में की थी।

काला घोड़ा हत्याकांड को खान मुबारक का आया था नाम
2006 में काला घोड़ा हत्याकांड में भी खान मुबारक का नाम सामने आया था। इस हत्याकांड को अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गिरोह ने दिन दहाड़े अंजाम दिया था। खान मुबारक ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर पुलिस वैन में बंद दो आरोपियों को गोलियों से भून दिया था। 2007 में हुए कैश वैन लूटकांड में एसटीएफ ने खान मुबारक को गिरफ्तार कर लिया था। एसटीएफ की पूछताछ में भी ही खान मुबारक ने काला घोड़ा हत्याकांड का खुलासा किया था।

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