लखनऊ। यूपी की लखनऊ कोर्ट में गैंगस्टर जीवा की हत्या मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। गुरुवार को पुलिस अफसरों ने कोर्ट की सुरक्षा में तैनात छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया। इनमें एक महिला सिपाही भी है। शुरुआती पड़ताल में इन पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है।
डीसीपी मुख्यालय ने पुलिस लाइन से डयूटी पर आए हेड कांस्टेबिल सुनील दुबे, मो. खालिद, अनिल और सिपाही सुनील श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र के निलम्बन का आदेश जारी किया जबकि डीसीपी पश्चिम ने वजीरगंज कोतवाली की सिपाही निधि देवी के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की। गुरुवार दोपहर लखनऊ बार में बैठक कर वकीलों ने पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी।
फुटेज की पड़ताल के बाद पूरा घटनाक्रम होगा स्पष्ट
पुलिस न्यायालय में अर्जी देकर अदालत में लगे कैमरे का फुटेज मांगेगी। फुटेज की पड़ताल के बाद पूरा घटनाक्रम स्पष्ट हो जाएगा। इससे ये भी पता चलेगा कि विजय इससे पहले कितनी बार कोर्ट रूम में आया था। यही नहीं कुल कितने दिन तक आरोपी ने रेकी की थी, इसकी जानकारी के लिए कचहरी परिसर में लगे कैमरे खंगाले जा रहे हैं। गुरुवार को पुलिस की कई टीम कचहरी में मुस्तैद रही।
मोबाइल फोन से सुराग तलाश रही पुलिस
पुलिस ने आरोपी के पास से बरामद मोबाइल फोन का डाटा खंगाला है। आरोपी ने फोन से कई मैसेज डिलीट कर दिए थे। आखिरी बार आरोपी की किससे बात हुई थी, इसके लिए पुलिस कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकलवाया है।
21 जून तक न्यायिक हिरासत में विजय यादव
जीवा हत्या करने के साथ साथ कई लोगों को घायल करने के आरोपी विजय यादव उर्फ आनंद यादव का देर शाम मेडिकल कॉलेज जाकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हृषिकेश पांडे ने 21 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया है। विजय यादव के विरुद्ध पुलिस लाइन में तैनात उपनिरीक्षक उदय प्रताप सिंह ने 7 जून को वजीरगंज थाने में धारा 307/ 302/ 332/ 353 आईपीसी एवं 7 क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया जाता है कि घटना के समय विजय यादव को मौके पर ही पकड़ लिया गया था तथा उसके पास से हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर बरामद किया गया था।