पुल के पिलर से निकाले गए बच्चे की मौत, 27 घंटे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन

रोहतास। बिहार के रोहतास जिले में सोन पुल के पिलर नंबर एक के बीच फंसे 11 साल के रंजन की मौत हो गई है। रंजन को 27 घंटे तक रेस्क्यू करने के बाद निकाला गया था।

रोहतास जिले के नासरीगंज थाना क्षेत्र में नासरीगंज- दाउदनगर सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच 12 वर्षीय एक किशोर के फंस गया था। किशोर को सुरक्षित निकालने को लेकर प्रशासन द्वारा प्रयास किया गया। करीब दो फुट से भी कम चौड़े दरार में फंस जाने से किशोर का शरीर आंशिक रूप से दिखाई दे रहा था। किशोर की पहचान खिरीआंव गांव निवासी शत्रुघ्न प्रसाद उर्फ भोला साह के 12 वर्षीय पुत्र रंजन कुमार के रूप में हुई थी। बताया जाता है कि किशोर अर्ध विक्षिप्त है तथा घर से तीन दिनों से लापता था।

बुधवार रात एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच तमाम कोशिशों में लगी रहीं। सड़क काटकर बच्चे तक पहुंचने का प्रयास किया गया। सफलता नहीं मिलने पर पथ निर्माण विभाग व पुल निर्माण निगम के अधिकारियों से रायशुमारी कर पिलर को पूरब तरफ से काट दिया गया। इसके बाद बच्चे को बाहर निकाला गया। इसके बाद स्थानीय प्रशासन व मौके पर जमा हजारों लोगों ने राहत की सांसें लीं। फिर बेहतर इलाज के लिए बच्चे को सदर अस्पताल भेजा गया। लेकिन, रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टर के अनुसार उसकी मौत की वजह हीट स्ट्रोक व भूख हो सकती है। बच्चे की मौत की सूचना मिलते ही नासरीगंज में मातम छा गया।

रंजन ने पिता ने बताया कि उनके बेटे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। रंजन दो दिन पहले घर से गायब हो गया था। वह पुल के पिलर में कब और कैसे फंसा? इसका कोई पता नहीं है। लोगों ने बताया कि रंजन पिलर के नीचे वाले भाग से ही चढ़कर उसपर पहुंचा और गैप में गिरकर फंस गया।

नासरीगंज के थाना प्रभारी सुमित कुमार ने बताया था कि दरार में फंसे किशोर को निकालने के लिए प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि दो फुट से भी कम चौड़ा दरार होने के कारण हालांकि काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पिलर पर कबूतर अपना बसेरा बनाए हुए हैं, बच्चा कबूतर पकड़ने आया था। उसी दौरान दरार में गिर गया। उन्होंने बताया कि दरार एक तरफ से खुली हुई थी। इससे सिलेंडर और पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा था।

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