‘देश के लोकतंत्र से अधिक बाहरी ताकतों पर है भरोसा’, स्मृति ईरानी का राहुल गांधी पर हमला

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उनका भरोसा देश के लोकतंत्र से उठ गया है। उनकी मोहब्बत देश के लोकतंत्र के खिलाफ विदेशी ताकतों से हस्तक्षेप की मांग के लिए विवश करता है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही इस प्रकार की गतिविधियों का बढ़ना इस बात का संकेत है कि ‘सत्ता की भूख’ में वह देश की लोकतांत्रिक प्रणाली पर चोट करने पर आमादा है।

स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी से सवाल करते हुए कहा कि ‘जब आप मोहब्बत की बात करते हैं तो क्या उसमें सिखों की हत्या शामिल है? जब आप मोहब्बत की बात करते हैं तो क्या उसमें राजस्थान में महिलाओं के अपहरण की बात शामिल है? हिंदू जीवन शैली का अपमान शामिल है? भारत को अस्थिर करने वालों के साथ सहयोग शामिल है? या फिर बाहर जाकर हमारे लोकतंत्र में दखल देने की मांग शामिल है?’ स्मृति ईरानी ने सवाल किया कि ‘ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं अपनी सियासत से है?’

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने सवाल किया, ‘‘इतने बेचैन क्यों हैं गांधी खानदान के लोग?’’ ईरानी ने सवाल किया कि यह कैसी मोहब्बत है जो सिखों का नरसंहार करे, कोयला और चारा लूटने वालों के साथ हाथ मिलाए, जो संसद में स्थापित सैंगोल का अपमान करें, संसद का बहिष्कार करें? केंद्रीय ईरानी ने विपक्षी एकजुटता के प्रयासों के लिए विरोधी दलों पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस प्रकार बिहार के भागलपुर में एक पुल पानी में बह गया वैसे ही उनके अरमान भी 2024 के लोकसभा चुनावों में बह जाएंगे।

बता दें कि अपने अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान नाम से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। अब भाजपा राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान वाले बयान पर पलटवार कर रही है। हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल गांधी को निशाने पर लिया और कहा कि ‘जब भारत नए कीर्तिमान स्थापित करता है..तब तब हमारे कांग्रेस के युवराज को यह गौरव पचता नहीं है। आप सर्जिकल स्ट्राइक पर बात करते हैं और आप हिंदू मुसलमानों को बांटने की बात करते हैं, ऊपर से आप कहते हैं कि हम मोहब्बत की दुकान चला रहे हैं।’ नड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘आप नफरत का शॉपिंग मॉल खोलकर बैठे हैं।’

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