माँ-बेटी हत्याकांड: मिशन मालामाल के लिए जल्लाद बन गए दो भाई

दिल्ली। दिल्ली के शाहदरा जिला के कृष्णा नगर में माँ-बेटी की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस संबंध में बेटी के ट्यूटर और इसके रिश्ते के भाई को गिरफ्तार किया है। दो भाई दौलत के ख्वाब में जल्लाद बन गए। आरोपियों ने इस साजिश का नाम ‘मिशन मालामाल’ रखा था।

कृष्णा नगर में राजरानी (73) और बेटी गिन्नी (39) की 25 मई की रात को आरोपियों ने गला रेतकर दोनों की हत्या कर दी और लूटपाट कर फरार हो गए। 31 मई को हत्याकांड के खुलासे के बाद बाद पुलिस आरोपियों की तलाश में छापे मारती रही। पुलिस ने करीब 300 सीसीटीवी की जांच की और 200 लोगों से पूछताछ के बाद आरोपियों की पहचान की। बाद में आरोपी गोंडा, लखनऊ, अयोध्या, नोएडा और दिल्ली के अलग-अलग स्थानों में छिपते रहे। पुलिस ने 2000 किलोमीटर तक इनका पीछा कर आरोपियों को दबोच लिया।

पुलिस ने बताया, हत्या के बाद दोनों आरोपियों के स्मार्टफोन और मां-बेटी के मोबाइल फोन का लोकेशन लखनऊ बता रहा था। कुछ दिनों बाद दोनों हत्यारों ने सभी मोबाइल फोन को स्विच ऑफ कर लिया। बता दें कि हत्या करने के बाद दोनों ने मां-बेटी का फोन भी चुरा लिया था। वो फोन से पैसे ट्रांसफर करना चाहते थे। आरोपी लखनऊ से असम भागने की योजना बना रहे थे। वो ऐसा करते इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। मां-बेटी की हत्या किशन (28) और उसके चचेरे भाई अंकित सिंह (25) ने मिलकर की। दोनों बिहार के सीवान जिले के रहने वाले हैं। किशन कंप्यूटर का टीचर था। वहीं अंकित गिन्नी को संगीत पढ़ाया करता था।

किशन एक प्राइवेट कंपनी में बतौर मार्केटिंग मैनेजर नौकरी करता था। राजरानी को अपनी बेटी गिन्नी के लिए एक कंप्यूटर ट्यूटर की जरूरत थी। एक ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से राजरानी का किशन से संपर्क हुआ। अप्रैल महीने से किशन गिन्नी को कंप्यूटर पढ़ाने लगा। हत्यारे किशन ने मां-बेटी दोनों का भरोसा जीतना शुरू किया। गिन्नी को ऑटिस्टिक नाम की एक बीमारी है। इस बीमारी की वजह से गिन्नी को बोलने में काफी दिक्कत होती थी। किशन ने मां-बेटी के फ्लैट को शिफ्ट करने में भी मदद की थी। घर शिफ्ट करने के दौरान किशन को राजरानी की तरफ से कई भुगतान करने पड़े थे। तभी उसे यह पता चला कि राजरानी के पास लाखों रुपए हैं। वहीं उनकी बेटी भी लाखों की संपत्ति की मालकिन है। बस इसके बाद किशन दोनों की हत्या कर सभी पैसे हथियाना चाहता था।

‘मिशन मालामाल’
हत्या करने से पहले दोनों आरोपियों ने राजरानी के बैंक से पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश भी की थी लेकिन वो नाकाम रहे। इसके बाद दोनों ने लूट की प्लानिंग बनाई। इस प्लान को दोनों ने ‘मिशन मालामाल’ का नाम दिया। दोनों ने इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था। अभी गिन्नी को पढ़ाने बस किशन ही जाता था। राजरानी अपनी बेटी के लिए एक और ट्यूटर की तलाश कर रही थीं। किशन ने उन्हें अपने चचेरे भाई के बारे में बताया। राजरानी राजी हो गईं। किशन और अंकित अब दोनों गिन्नी को पढ़ाने लगे।

इंसानियत हो गई शर्मसार
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों ने हत्या के लिए लक्ष्मी नगर से चाकू खरीदे। हत्या के दिन दोनों आरोपी गिन्नी के घर पहुंचे। उन्होंने नकदी और गहने लूटने की पूरी प्लानिंग बना रखी थी। फ्लैट में पहुंचते ही हत्यारों ने गिन्नी से पानी मंगाया। गिन्नी अपने टीचरों के लिए पानी लेने किचन की ओर गई। तभी दोनों जल्लादों ने राजरानी का गला रेत डाला। इसके बाद दोनों ने गिन्नी पर अटैक किया। कुछ ही देर में दोनों की लाश फर्श पर पड़ी हुई थी। चारों ओर खून बिखर गए। इसके बाद लुटेरों ने जो कुछ भी देखा सब लूट लिया।

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