दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार देर शाम को बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। सरकार दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अध्यादेश लेकर आई है। सरकार ने ट्रांसफर पोस्टिंग के अधिकार केंद्र सरकार ने इस अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को दे दिए हैं।
अध्यादेश के तहत राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के गठन की बात कही गई है। अध्यादेश कहता है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग और विजिलेंस का काम राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) देखेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के पदेन प्रमुख होंगे। दिल्ली के प्रधान गृह सचिव पदेन सचिव होंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव, प्रधान गृह सचिव प्राधिकरण के सचिव होंगे। ट्रांसफर-पोस्टिंग का फैसला अकेले मुख्यमंत्री नहीं करेंगे। बहुमत के आधार पर प्राधिकरण फैसला लेगा और आखिरी फैसला उपराज्यपाल (LG) का मान्य होगा।
सीएम केजरीवाल ने जाहिर किया था डर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस अध्यादेश के आने से पहले अपना डर जाहिर किया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिये पलटने की ‘साजिश’ की जा रही है। सीएम ने एक ट्वीट में सवाल किया था, ‘क्या केंद्र सरकार न्यायालय के आदेश को पलटने की साजिश कर रही है? क्या उपराज्यपाल साहब अध्यादेश का इंतजार कर रहे हैं, इसलिए फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे?’ उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है तो यह देश व दिल्लीवालों के साथ धोखा होगा। सभी को सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक फैसले का सम्मान करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दिल्ली सरकार को अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की केजरीवाल सरकार को दे दिया था। कोर्ट ने इस दौरान फैसला सुनाते हुए कहा था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी और शासकीय शक्तियां हैं। लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों पर अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
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