विपक्षी एकता को ममता बनर्जी का झटका, सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से किया किनारा

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बेंगलुरु। कर्नाटक में सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दूरी बना ली है। ममता बनर्जी कर्नाटक नहीं जाएंगी, वह अपने प्रतिनिधि को भेजेंगी।

तृणमूल के नेता एवं राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ’ ब्रायन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, ”कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने वाले सिद्धारमैया और उनके अन्य साथियों ने तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कल होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया। उन्होंने (ममता ने) अपनी शुभकामनाएं दीं और लोकसभा में तृणमूल की उपनेता कोकिला घोष दस्तीदार से इस समारोह में शामिल होने को कहा।”

ममता बनर्जी ने हाल में कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस को उन जगहों पर समर्थन देगी, जहां वह मजबूत स्थिति में है। सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण समारोह में उनकी मौजूदगी को विपक्षी दलों की एकता के लिए अहम माना जा रहा था।

बंगाल में कांग्रेस मुझसे लड़ना बंद करे- ममता
इससे पहले ममता ने कहा था संबंधित क्षेत्रों में ताकत रखने वाले दलों को वहां सीधे भाजपा का मुकाबला करना चाहिए जैसे दिल्ली में आप, बिहार में राजद-जेडीयू, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और तमिलनाडु में द्रमुक-कांग्रेस और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस। हमने कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन किया था, अब उन्हें पश्चिम बंगाल में भी हमारे साथ वैसा ही करना चाहिए। यह सही नहीं है कि कर्नाटक में वे हमारे समर्थन का आनंद लेंगे और पश्चिम
बंगाल में हमारा विरोध करेंगे।

इन नेताओं को दिया गया है आमंत्रण
कांग्रेस ने शपथ समारोह में ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह में एक विचारधारा वाले दलों के नेताओं को निमंत्रण दिया गया है। इसके साथ ही शपथ ग्रहण के मौके पर विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास कर रही है।

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