भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल में रहने वाले मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ जैन को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने गिरफ्तार किया है। उसकी पत्नी मानसी अग्रवाल भी एटीएस की निगरानी में है, मानसी भी धर्म बदल कर रायला बन चुकी है। पुलिस ने हैदराबाद और भोपाल से आतंकवादी गतिविधियों की साजिश की आशंका के चलते कई लोगों की गिरफ्तारी की है, जिसमें सलीम भी शामिल है।
9 मई को पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें मोहम्मद सलीम, अब्दुर रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद और मोहम्मद हामिद का नाम शामिल है। 11 मई को भोपाल की विशेष अदालत ने इन पांचों को 19 मई तक रिमांड पर भेज दिया है। इन आरोपियों में से तीन धर्मांतरण कर हिंदू से मुसलमान बने थे। एक ओर सौरभ, मोहम्मद सलीम बना। वहीं, देवी नारायण पंडा (अब्दुर रहमान) और बेनू कुमार (मोहम्मद अब्बास अली) बने। एटीएस की टीम हिज्ब-उत-तहरीर के गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ कर रही है। इस दौरान जो सबसे बड़ी बात सामने आई है, वो यह है कि ब्रेनवॉश कर हिंदू युवाओं को जिहाद के लिए तैयार किया जा रहा है। ये नेटवर्क एक-दो दिनों का नहीं है। एमपी में सालों से यह खेल चल रहा है। इस खेल के पीछे जाकिर नाइक का हाथ सामने आ रहे हैं। ब्रेनवॉश कर जाकिर नाइक एमपी में अपने चेले तैयार कर रहा था। उनमें से जाकिर नाइक का सबसे बड़े चेला सौरभ राजवैद्य है, जो कि मोहम्मद सलीम बन गया। वह भड़काऊ तकरीरें देता था। जांच एजेंसियों के अनुसार हिज्ब-उत-तहरीर का चीफ सौरभ राजवैद्य है।
6 दिन से एटीएस की निगरानी में रायला
सौरभ राजवैद्य मुस्लिम बनने के बाद हैदराबाद चला गया था। उसकी पत्नी और बच्चे भी मुसलमान हो गए हैं। पति की गिरफ्तारी के बाद रायला भी अपने दोनों बेटों यूसुफ और इस्माइल के साथ हैदराबाद के अपने घर में एटीएस की निगरानी में है। रायला ने कहा कि इस्लाम कबूल करने के अलावा दूसरी कोई बात ही नहीं है। रायला ने कहा कि उसके पति एक कॉलेज में जॉब करते थे। एक दिन पहले प्रिंसिपल से लड़ाई हुई। उन्होंने कहा कि 100 बच्चों का प्रैक्टिकल एक दिन में ले लिया? क्या यूनिवर्सिटी इसकी इजाजत देती है। उन्होंने कहा जॉब करना है तो ऐसे ही होगा। रोजे का दिन था। शाम को 6 बजे घर आए। शाम को घर आकर 2 घंटे सोते थे। फिर बच्चों को साइंस पढ़ाते थे। उनके पास वक्त कब था दूसरी चीजों के लिए।
सौरभ कैसे बना सलीम
सलीम के पिता अशोक जैन ने बताया, ‘मैंने साल 2011 में पहली बार सौरभ की गतिविधियों और बहस को महसूस किया। उसने हमारे परिवार के कार्यक्रमों और धार्मिक त्योहारों से दूरी बनाना शुरू कर दिया था। कुछ समय के बाद उसकी पत्नी ने भी इस्लामिक ड्रेस पहनना शुरू कर दिया। उस दौरान मैंने उसे समझाने की कोशिश की थी।’ पेशे से आयुर्वेद डॉक्टर अशोक बताते हैं कि उन्होंने सौरभ से घर छोड़ने के लिए कह दिया और एक बार पूरी बात पुलिस को भी बताई थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने भी यह कहते हुए कार्रवाई से इनकार कर दिया था कि सौरभ ने इच्छा से धर्म परिवर्तन किया था।
जाकिर नाइक का एंगल
इस दौरान सौरभ के पिता डॉक्टर कमाल नाम के शख्स का जिक्र करते हैं और कहते हैं कि वह हमेशा कॉलेज के दिनों में उसके आसपास ही रहता था। उन्होंने कहा, ‘बाद में हमें पता चला कि डॉक्टर कमाल जाकिर नाइक का एजेंट है और गिरफ्तार हो चुका है। उसने मेरे बेटे को इस्लामिक नमाज सिखाई।’ वह बताते हैं, ‘सौरभ अपने कंप्यूटर में जाकिर नाइक के भाषण सुनता था। मुझे उसके कमरे से कई इस्लामिक किताबें भी मिलीं। टीवी पर सीरिया की खबरें देखकर वह इस्लाम की बात करता और बताता कि वह क्यों सीरिया के लोगों पर मला कर रहे हैं।’
बच्चों को भेजने लगा था मदरसा
सौरभ की मां वसंती जैन ने कहा कि उनके पोते मदरसा जाने लगे थे। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि उसके कुछ मुस्लिम दोस्त थोड़ा भी उसका साथ नहीं छोड़ते थे और हमेशा आसपास होते थे। जैन ने कहा कि वह कोविड के दौरान मुस्लिम दोस्तों के साथ उनके फ्लैट पर रहने लगा थी और मुझे भी वहां बुला रहा था, लेकिन मना कर दिया।
सौरभ ने 2010 में इस्लाम अपनाया
एटीएस की कार्रवाई के बाद सौरभ का एक पुराना वीडियो सामने आया है। इसमें उसकी बड़ी-बड़ी दाढ़ी हैं। उसमें वह बता रहा है कि मैंने 2010 में इस्लाम अपनाया था। 2009 में हमारी शादी हुई थी। 2009 तक मैं एक आम जाहिल की तरह अपनी जिंदगी गुजार रहा था।
2012 में पत्नी बनी मुस्लिम
पुराने वीडियो में सौरभ बता रहा है कि 2012 में मेरी पत्नी ने भी इस्लाम कबूल कर लिया। इसमें वह बताता है कि एमपी में इस्लाम कबूल करना बहुत मुश्किल है। मुस्लिम होने का डॉक्यूमेंट नहीं बनने के कारण मुझे बहुत परेशान होना पड़ा है। सौरभ ने कहा कि कुरान से हमें बड़ी सीख है। मोहम्मद सलीम लोगों से कहता है कि हमारे वालिद आकर लोग कहते थे कि यह गद्दार हो गया है।
2014 में पिता ने निकाल दिया
सलीम कह रहा है कि पिता ने हमें समझाने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने 2014 में घर से निकाल दिया। उन्होंने कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को फोन कर दिया कि मेरे बेटे ने इस्लाम कबूल कर लिया है। हो सकता है कि यह देश को आगे चलकर नुकसान पहुंचाए। उनलोगों ने हमसे पूछताछ की। हमने उन्हें कह दिया कि मैं अपनी मर्जी से इस्लाम अपना रहा हूं। किसी ने मुझ पर दबाव नहीं बनाया है। मैंने इस्लाम इसलिए कबूल किया कि ईश्वर एक है।
अल्लाह के चुने हुए बंदे हैं
सलीम कह रहा है कि मेरे परिवार के लोग रिश्ते तोड़ रहे हैं। 2015 में हमारी नौकरी चली गई। वीएचपी और आरएसएस के लोग हमें धमकाने आते थे। मुस्लिमों की बुराई बताकर लोग गैप पैदा कर देते हैं। वह बताता है कि हमें कल्चरल इस्लाम में नहीं जाना है। उसे हमें पहचानना है। सलीम कहता है कि हमें रिवर्ट लोगों के लिए काम करना चाहिए। हैदराबाद में कुछ लोग हैं जो काम कर रहे हैं। वह कह रहे है कि हम अल्लाह के चुने हुए बंदे हैं।
मैंने पहली बार नमाज पढ़ते हुए देखा
वहीं, सलीम की पत्नी मानसी अग्रवाल का भी एक वीडियो आया है। इसमें वह हिंदू से मुस्लिम बनने की कहानी सुना रही है। मानसी अब राहिला बन गई है। उसने कहा कि मैंने पहली बार इन्हें घर में नमाज पढ़ते हुए देखा। इसके बाद मैंने जाकर अपने ससुर को बताया। मैं सोच में पड़ गई कि कहीं ये आतंक के रास्ते पर तो नहीं जा रहे। उस समय मैं प्रेग्नेंट थी। इसके बाद इनकी किताबें मैं पढ़ने लगी। साथ ही इनके व्यवहार बदलने लगे। यह पूरी तरह से बदल गए थे। राहिला ने बताया कि मैं इनके साथ जाकर एक पारिवारिक मित्र के यहां कलमा पढ़ लिया। हमलोग जब पूरी तरह से मुस्लिम बन गए तो मेरे ससुर ने एक दूध के बोतल के साथ घर से निकाल दिया। मानसी कहती है कि अब हम अल्लाह के लिए हैं।
राहिला ने पति की गिरफ्तारी के बाद कहा है कि वह दहशतगर्दी नहीं करते थे। हमलोग सिर्फ कुरान की बात करते थे। हमलोग छोटे घर में रहते हैं कि इसमें क्या जलसा होगा। सिर्फ इफ्तार पार्टी होती थी। ट्रेनिंग कैंप चलाने की बात हो रही है तो हैदराबाद के आसपास के जंगल कहां है। उनके पास तो वक्त ही नहीं होता था कि वो इन चीजों के लिए काम करते।
आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से इनकार
सौरभ के माता-पिता दोनों ही उसके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की बात से इनकार कर रहे हैं। मां का कहना है, ‘मेरी बहू ने मुझे कॉल किया और कहा कि मुझे चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सौरभ ट्रिप पर गया है और उसका फोन बंद है। इससे मुझे शक हुआ। दो दिन बाद मुझे उसकी गिरफ्तारी की खबर मिली।’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि उसे गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन मुझे भरोसा है कि मेरा बेटा कोई आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल नहीं है।’
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