दिल्ली। खुद को उपराज्यपाल बताकर अपने ही विश्वविद्यालय के कुलपति को फोन कर काम करवाने के प्रयास से जुड़े मामले में द्वारका जिला पुलिस ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर को विदेश से लौटने पर गिरफ्तार किया है। सर्कुलर जारी करवा रखा था, जिसके आधार पर इसे आईजीआई एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।
आरोपी रोहित सिंह को 15 मई को ब्रिटेन से लौटने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। एलजी की आड़ में वीसी को उनके लैंडलाइन पर फोन करने के बाद उसने अपनी छुट्टी मंजूर करा ली थी। रोहित सिंह ने स्वीकार किया है कि उसने एलजी के रूप में कुलपति को लैंडलाइन पर दो बार फोन किया। आरोपित ने उपराज्यपाल बन कुलपति डॉ. महेश वर्मा को कॉल कर पहली बार में अपनी खुद की छुट्टियां मंजूर करा ली। दूसरी बार आरोपित ने अपनी बहन को विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में नौकरी दिलवाने का प्रयास किया।संदेह होने पर कुलपति ने जब इसकी पड़ताल कराई तो हकीकत का पता चला। मामले की शिकायत द्वारका नार्थ थाना पुलिस से की गई। वारदात के समय आरोपित यूके में पढ़ाई के लिए गया हुआ था। सोमवार को जैसे ही आरोपी यूके से भारत पहुंचा, उसे पकड़ लिया गया।
जांच में पता चला कि उपराज्यपाल सचिवालय से कभी इस तरह की कॉल किसी को नहीं की गई। कुलपति की ओर से द्वारका नार्थ थाने में एक शिकायत दी गई। पुलिस ने धोखाधड़ी, आइटी एक्ट समेत दूसरी धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस ने कुलपति कार्यालय के लैंड लाइन नंबर के सीडीआर निकलवाए। जांच में पता चला कि दोनों काल यूके के एक नंबर से किए गए थे। इसके बाद पुलिस ने उस कैंडिडेट के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई जिसके लिए सिफारिश की गई थी।
जांच में पता चला कि यूके के जिस नंबर से उपराज्यपाल को काल किया गया था, वह अपनी बहन व पिता के संपर्क में था। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि काल करने वाला कोई और नहीं युवती का भाई है।