मंदिर से गहने चुराना चोर को पड़ा भारी, 9 साल बाद माफी मांगकर लौटाए गहनें

प्रतीकात्मक चित्र

भुवनेश्वर। ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक राधा कृष्ण मंदिर से 9 साल पहले एक चोर ने चांदी के गहने चुराए थे। अब 9 साल बाद वह चोर मंदिर पहुंचा और लिखित माफीनामे के साथ चोरी किए सारे गहने वापस कर दिए। चोर ने बाकायदा अपनी तरफ से 201 रुपए दान किए और दंड के तौर पर 100 रुपए अतिरिक्त भी दिए हैं।

यह घटना राजधानी भुवनेश्वर के बाहरी इलाके गोपीनाथपुर गांव की है। गांव में ही गोपीनाथ भगवान का मंदिर है। 2014 में गोपीनाथ मंदिर से चोरी हुई थी और चांदी के गहने चोरी हुए थे। ठाकुर की चांदी की बांसुरी, छाता, मुकुट, चांदी की आंखें, प्लेट, घंटियां एक चोर ने चुरा ली थी। उस समय ग्रामीणों ने लिंगराज थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की, मगर चोरी का सामान नहीं मिला।

भगवान ने दी चोर को चोरी की सजा
इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की, मगर चोरी का सामान नहीं मिला। घटना के नौ साल बाद अब चोर ने खुद भगवान के मंदिर से चोरी किया हुआ सारा सामान लौटा दिया है। इतना ही नहीं चोरी का सामान लौटाने की जगह पर एक पत्र छोड़ा गया है। इसमें वह ठाकुर के गहने चुराने के बाद आई कठिनाइयों के बारे में लिखा है कि उसे इस बीच कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उसने लिखा, इन नौ वर्षों में मैंने बहुत सारी समस्याओं का सामना किया है। यही कारण है कि मैंने गहने भगवान को लौटाने का फैसला किया। उधर, नौ साल बाद गहने वापस मिलने से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। हालांकि, चोर ने अपना परिचय नहीं दिया है।

लिखित माफीनामा दे वापस किए गहनें
धौली थाने के प्रभारी निरीक्षक चितरंजन राउत ने बताया कि करीब 4 लाख रुपये मूल्य के आभूषणों से भरा बैग जिस मंदिर से चोर ने चुराया था, वह मंदिर के बगल में एक घर के बाहर रखा हुआ था। “नोट में उसने उल्लेख किया है कि वह 301 रुपये छोड़ रहा है, जिसमें से 201 रुपये दान के लिए थे और 100 रुपये दंड के रूप में थे। उसने लिखा कि जब मंदिर में यज्ञ किया जा रहा था तब उसने गहने ले लिए। गहने चोरी करने के बाद उसे एक का सामना करना पड़ा।” चित्तरंजन राउत ने कहा, नौ साल के दौरान शायद चोर के जीवन में बहुत सारी समस्याएं आईं होगी और इसलिए उसने गहने वापस करने का फैसला किया। हालांकि नोट में चोर ने अपना नाम नहीं बताया है।

लोग मान रहे चमत्कार
मंदिर के पुजारी कैलाश पांडा ने कहा कि चोरी गए आभूषणों की बरामदगी किसी चमत्कार से कम नहीं है। “हमें उम्मीद नहीं थी कि गहने फिर से इस तरह निकलेंगे। हमने घटना के बाद देवताओं के लिए नए गहने खरीदे थे। यह ईश्वरीय हस्तक्षेप के अलावा और कुछ नहीं है।”

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