21 साल बाद 5 को उम्रकैद, उधारी की वजह से किया था कपड़ा व्यापारी का मर्डर

गाजियाबाद। 50 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका पाने पर कपड़ा व्यापारी की हत्या कर शव कुएं में फेंकने के मामले में 21 साल बाद अदालत ने पांच आरोपितों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजय त्यागी ने बताया कि पिलखुवा थानाक्षेत्र के परतापुर गांव का रहने वाले चंद किरण कपड़ा व्यापारी था। उसके साथ जाहिद व शकील भी कपड़ा बेचने का व्यापार करते थे। इनका आपस में पैसों को लेन-देन चलता रहता था। उनकी पत्नी माया ने पुलिस को एक नवंबर 2002 को रात 10 बजे जाहिद व शकील घर आए और चंद किरण को साथ ले गए। चार दिन के बाद वापस आने के बाद जाहिद और शकील ने माया को बताया कि चाचा (चंद किरण) को माल लाने के लिए रामेश्वरम भेज दिया है। तीन दिन बाद वापस आएंगे। इसके बाद भी चंद किरण घर नहीं लौटे तब माया को शक हुआ और उसने पिलखुव थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

माया ने बताया कि चंद्र किरण ने जाहिद और शकील से 50 हजार रुपये उधार लिया था। रुपये वापस नहीं करने पर रंजिश मानते हुए उनके पति को गायब कर दिया है। इसके बाद पुलिस ने जाहिद और शकील को हिरासत में लेकर पूछताछ की। दोनों ने पुलिस को बताया कि आसिफ, अबरार और प्रमोद के साथ मिलकर चंद किरण की हत्या कर मथुरा स्थित एक गांव के कुएं में फेंक दिया है। पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर मथुरा से कुएं से मृतक चंद किरण का शव बरामद कर लिया। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी।

मामले की सुनवाई एडीजे-17 की अदालत में चल रही थी। पुख्ता साक्ष्यों व गवाहों के बयान के आधार पर शुक्रवार को अदालत ने जाहिद, शकील, आसिफ, अबरार व प्रमोद को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया।

Exit mobile version