दिल्ली। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने बुधवार को मोटर वाहन एग्रीगेटर योजना 2023 की घोषणा की। दिल्ली सरकार ने इस योजना को अंतिम रूप देकर उपराज्यपाल के लिए सहमति लेने के लिए भेज दिया है। उपराज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
दिल्ली सरकार ने वाहन एग्रीगेटर योजना 2023 के तहत टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने फ्लीट को इलेक्ट्रिक वाहन में तब्दील करने का लक्ष्य दिया है। उन्हें हर साल अपने वहां पंजीकृत होने वाले वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ानी होगी। यह सिर्फ यात्री वाहनों पर नहीं बल्कि व्यवसायिक क्षेत्र में डिलीवरी सेवा प्रदाता कंपनियों पर भी लागू होगा। सरकार इसके लिए कंपनियों को लाइसेंस शुल्क में छूट देगी। योजना के मुताबिक वाहनों को इलेक्ट्रिक फ्लीट में तब्दील करने की व्यवस्था योजना के अधिसूचना लागू होने के बाद ही शुरू हो जाएगा। मसलन अधिसूचना होने के बाद अगले छह माह में लाइसेंस लेने वाली कंपनी के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले वाहनों में दुपहिया श्रेणी में 10 फीसदी, तिपहिया श्रेणी में 10 फीसदी और चार पहिया (टैक्सी) में 5 फीसदी इलेक्ट्रिक रखना होगा। इसी तरह फिर हर साल यह लक्ष्य बढ़ता जाएगा। पांच साल पूरा होने पर सभी 100 फीसदी नए पंजीकृत होने वाले वाहन सिर्फ इलेक्ट्रिक होंगे। इस तरह वर्ष 2030 तक हर श्रेणी में सिर्फ इलेक्ट्रिक टैक्सी ही चलेंगे।
बाइक टैक्सी में चलेंगे सिर्फ इलेक्ट्रिक दुपहिया
मालवाहक वाहन व टैक्सी में भले ही हर साल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन बाइक टैक्सी जो कि दिल्ली में पहली बार मंजूर किया गया है उसमें सिर्फ इलेक्ट्रिक दुपहिया ही चलेंगे। मसलन योजना के अधिसूचना होने के बाद बाइक टैक्सी के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले सिर्फ इलेक्ट्रिक होने चाहिए। इसी तरह रेंट ए बाइक योजना में भी सिर्फ इलेक्ट्रिक दुपहिया चलेंगे। यह सभी कार्मिशियल श्रेणी में पंजीकृत होंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों को छूट
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि योजना में प्रदूषण पैदा करने वाले के लिए प्रदूषक भुगतान सिद्धांत को अपनाया गया है। यानि पारंपरिक वाहनों (सीएनजी) का इस्तेमाल करने वाले लोगों से इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में अधिक लाइसेंस शुल्क लिया जा सकता है। मसलन, इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए लाइसेंस शुल्क शून्य हो सकता है, लेकिन सीएनजी टैक्सी का लाइसेंस शुल्क करीब 650 रुपए हो सकता है। इस योजना के तहत लाइसेंस शुल्क और जुर्माने के तहगत वसूली जाने वाली रकम को राज्य इलेक्ट्रिक वाहन फंड में जमा किया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में इस्तेमाल होगा।
यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस योजना का उद्देश्य यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और कैब एग्रीगेटर्स की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है। आपदा की स्थिति के मद्देनजर एग्रीगेटर्स को वाहन में पैनिक बटन लगाना होगा और इसे 112 (दिल्ली पुलिस) के नियंत्रण कक्ष से जोड़ना होगा। योजना में उपभोक्ताओं की शिकायत का समय पर निस्तारण करने पर जोर रहेगा। वाहन की फिटनेस, प्रदूषण नियंत्रण और परमिट की वैधता सुनिश्चित करने के साथ चालकों का वेरीफिकेश और चालक के खराब प्रदर्शन पर सुधार के लिए प्रशिक्षण का प्रावधान है।
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