अतीक की पत्नी शाइस्ता को माफिया बताए जाने पर भड़के अखिलेश यादव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की ओर से शाइस्ता परवीन को माफिया घोषित किए जाने पर सवाल खड़ा कर दिया है। अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर भी निशाना साधा है। शाइस्ता परवीन को माफिया लिखे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह भाषा पुलिस की नहीं है।

अखिलेश यादव कानपुर देहात के रसूलाबाद में सपा के नगर पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी यदुनाथ संखवार के समर्थन में रोड शो करने पहुंचे थे। इस दौरान अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शाइस्ता को माफिया लिखना पुलिस की लैंग्वेज नहीं है। बल्कि, मुख्यमंत्री और बीजेपी की लैंग्वेज है। इस दौरान उन्होंने पूछा कि एक महिला को माफिया कहना और लिखना ये कितना सही है? यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘माफिया’ शब्द लगाना पुलिस की भाषा नहीं है। पुलिस को बीजेपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चला रहे हैं। ये नफरत फैलाकर चुनाव जीतना चाहते हैं।

इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि कूड़ा, बंद पड़ी नालियां, जलभराव, सड़कों पर जानवर, महंगी बिजली, हाउस टैक्स जैसे मुद्दों पर यह चुनाव होने जा रहा है। लेकिन, बीजेपी इन मुद्दों की बातें नहीं कर रही है। अगर मुख्यमंत्री से पूछो कि शहरों में कूड़ा है तो कहते हैं तमंचा, उनसे पूछो कि नाली साफ नहीं हुई है तो वो कहते हैं तमंचा, उनसे कहो कि नौजवान बेरोजगार है तो कहते हैं तमंचा, उनसे कोई सवाल पूछो तो केवल तमंचा बोलेंगे। वहीं उनके इस बयान को लेकर बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने सपा अध्यक्ष पर पलटवार किया है। बीजेपी सांसद ने कहा कि शाइस्ता को माफिया बताने पर अखिलेश यादव रो रहे हैं। सपा माफियाओं को संरक्षण देती है और वह तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।

शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम
उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के आरोप में माफिया डॉन अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को इनामी घोषित किया गया है। शाइस्ता पर उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। 25 फरवरी को दिनदहाड़े प्रयागराज में वकील उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद आरोपी शूटरों के साथ शाइस्ता परवीन को देखा गया था। इस हत्याकांड की जांच तेज होने के बाद से शाइस्ता फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया हुआ है। वहीं, उसके प्रयागराज से स्टीमर के जरिए गंगा नदी के रास्ते भागने की बात कही जा रही है। इन तमाम मामलों के बीच अखिलेश यादव के ताजा हमले ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।

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