दिल्ली। दिल्ली मेट्रो लगातार विवादों में बनी हुई है। मेट्रो के अंदर खुलेआम अश्लील हरकतों से आम यात्रियों का सफर करना मुश्किल हो गया है। अब इन पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस और सीआईएसएफ के जवान अब मेट्रो ट्रेन के डिब्बों के अंदर पेट्रोलिंग कर ऐसी घटनाओं पर नजर रखेंगे।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, डीएमआरसी के प्रिंसिपल एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन) अनुज दयाल ने कहा, “हम कई उपायों को लागू करके सुरक्षा और निगरानी में सुधार करना चाहते हैं। इसमें ट्रेनों के अंदर गश्त करना भी शामिल है।” डीएमआरसी ने कहा कि वह आपत्तिजनक व्यवहार की पहचान करने या वीडियो बनाने वाले लोगों की पहचान करने के लिए मेट्रो कोचों के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों का अधिक बार उपयोग करने की योजना बना रही है, जिससे अन्य यात्रियों को असुविधा हो सकती है। मेट्रो के डिब्बों के अंदर फिलहाल जहां कैमरे लगे हैं, वहीं रेड लाइन मेट्रो के पुराने डिब्बों में कैमरे नहीं हैं। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया उन कोचों के अंदर पहले से ही चल रही है, जिनमें ये नहीं हैं।
अनुज दयाल ने कहा कि रेड लाइन पर कुछ पुरानी ट्रेनों को छोड़कर सभी लाइनों पर कोचों में भी सीसीटीवी कैमरे हैं, जिन्हें चल रही नवीनीकरण प्रक्रिया में सीसीटीवी के साथ अपग्रेड किया जा रहा है। मेट्रो स्टेशनों पर लगे कैमरों के साथ इन कैमरों का इस्तेमाल आपत्तिजनक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जाएगा।
इससे पहले अप्रैल महीने में, दिल्ली मेट्रो में बिकनी गर्ल के वीडियो सामने आए थे, जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने काफी आपत्ति जताई थी। अभी हाल ही में 28 अप्रैल को, दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन सामने आए एक वीडियो के बाद एफआईआर दर्ज की है, जिसमें एक व्यक्ति को एक कोच में हस्तमैथुन करते देखा गया था।
हालांकि, डीएमआरसी इसकी पुष्टि करने में असमर्थ था कि यह घटना कब हुई या यह दिल्ली मेट्रो के कोच के अंदर हुई थी। उसी दिन, डीएमआरसी ने यात्रियों से उनकी हेल्पलाइन- 155370 पर किसी भी “आपत्तिजनक” व्यवहार की रिपोर्ट करने की अपील की और यात्रियों से जिम्मेदारी से व्यवहार करने को कहा था।
डीएमआरसी ने पहले एक बयान में कहा था, ”हम यात्रियों से मेट्रो से यात्रा करते समय जिम्मेदारी से व्यवहार करने का अनुरोध करते हैं। यदि अन्य यात्रियों को कोई आपत्तिजनक व्यवहार दिखाई देता है, तो उन्हें तुरंत डीएमआरसी हेल्पलाइन पर कॉरिडोर, स्टेशन और समय आदि का विवरण देते हुए मामले की सूचना देनी चाहिए। डीएमआरसी ऐसे व्यवहार और आवश्यक कार्रवाई की निगरानी के लिए मेट्रो और सुरक्षा कर्मचारियों से युक्त फ्लाइंग स्क्वॉड की संख्या में तेजी लाएगा। कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया जाएगा।”
डीएमआरसी ने मार्च में एक बयान में कहा था, “रील बनाना, डांस वीडियो, या ऐसी कोई भी गतिविधि जो यात्रियों को असुविधा का कारण बन सकती है, दिल्ली मेट्रो के अंदर सख्ती से प्रतिबंधित हैं।”
मेट्रो के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें मार्च में उनकी हेल्पलाइन पर छह शिकायतें मिली थी, जहां लोगों ने अनुचित व्यवहार की शिकायत की, या लोगों द्वारा मेट्रो कोच के अंदर वीडियो या रील शूट करने की सूचना दी। अप्रैल में उसे ऐसी सात शिकायतें मिलीं।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “पिछले दो महीनों में, मेट्रो में अनुचित व्यवहार के नौ मामले दर्ज किए गए, तीन मामलों में या तो शॉर्ट वीडियो या डांस वीडियो रिकॉर्ड किए गए और एक महिला यात्री के “उपयुक्त कपड़े” नहीं पहनने की शिकायत की थी।”
उन्होंने कहा कि फ्लाइंग स्क्वॉड का इस्तेमाल पहले महिलाओं के कोचों में पुरुषों के अवैध प्रवेश की जांच के लिए किया जाता था। अब, फ्लाइंग स्क्वॉड अनुचित व्यवहार की घटनाओं को भी ट्रैक करेंगे। डीएमआरसी के पांच फ्लाइंग स्क्वॉड हैं, जिनमें से प्रत्येक में तीन से चार सदस्य हैं, जो मेट्रो नेटवर्क में घूमते रहते हैं।