अब ट्रेन में पालतू कुत्ते-बिल्लियों को साथ ले जाना होगा संभव, ऑनलाइन बुक होंगे टिकट

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नई दिल्ली। ट्रेन में लंबे सफर पर पालतू पशुओं को साथ ले जाना जल्द ही मुमकिन हो सकता है। रेल मंत्रालय ने कुत्ते-बिल्लियों की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे रेल यात्री को अपने पालतु पशुओं को ट्रेन में ले जाने में सहूलियत होगी।

रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में यात्री को अपने पालतू पशु को ट्रेन में ले जाने के लिए प्लैटफॉर्म के पार्सल बुकिंग काउंटर पर टिकट बुक करानी होती है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इसे ध्यान में रखकर कुत्ते-बिल्ली की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। यात्री टिकट की तरह इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट पर पालतू का भी टिकट बनेगा। किराया वजन और दूरी के हिसाब से पूर्व निर्धारित ही लगेगा। रेलवे बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (पैसेंजर मार्केटिंग) रोहित कुमार ने आइआरसीटीसी को सेंटर फार रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम (क्रिस) के साथ समन्वय स्थापित कर इस व्यवस्था को यथाशीघ्र लागू करने के लिए निर्देशित कर दिया है। साथ ही भारतीय रेलवे के संबंधित अधिकारियों को भी इस आशय की जानकारी दे दी है।

ये है नई व्यवस्था
नई व्यवस्था के अंतर्गत यात्री का टिकट कन्फर्म होने पर ही पालतू की बुकिंग हो पाएगी। इसके लिए यात्री को आइआरसीटीसी के वेबसाइट पर अपना पीएनआर और मोबाइल नंबर भरना होगा। अधिकृत नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा। ओटीपी दर्ज होते ही बुकिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद मोबाइल फोन पर बुकिंग का संदेश आ जाएगा। यह संदेश चार्ट बनने के बाद टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई) के हेंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) पर भी पहुंच जाएगा। आइआरसीटीसी की वेबसाइट पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएमएस) से जुड़ा रहेगा।

टिकट बुकिंग के समय पीएमएस के माध्यम से ही किराया आदि का निर्धारण होगा। बुकिंग की वापसी नहीं होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित पार्सल घर में भी पीएमएस लग रहा है। नकहा जंगल स्टेशन पर पीएमएस लग गया है। एसी फर्स्ट और फर्स्ट क्लास में यात्रा करने वाले लोगों को पालतू को साथ ले जाने की सुविधा मिलती है। इसके लिए कूपा आरक्षित कराना अनिवार्य होता है। भारतीय रेलवे में पालतू साथ लेकर चलने व डाग बाक्स की व्यवस्था अंग्रेजों के जमाने से है।

अन्य श्रेणी के यात्रियों के पालतू के लिए बन रहे डाग बॉक्स
एसी सेकेंड, एसी थर्ड और स्लीपर श्रेणी के यात्रियों को अपने साथ पालतू ले जाने की अनुमति नहीं होती। इनके पालतू के लिए लिंकहाफ मैन बुश (एलएचबी) कोच वाली ट्रेन के पावरकार में भी विशेष डाग बाक्स बनाए जा रहे हैं। इनके पालतू की बुकिंग पार्सल घर में पूर्ववत होती रहेगी। डाग बाक्स के लिए 40 किलोग्राम तथा एसी फर्स्ट के कूपे में 60 किलोग्राम सामान की दर से किराया लगता है। रेलवे में पालतू ही नहीं अन्य पशु और पक्षियों को भी एक से दूसरे जगह भेजने की व्यवस्था है। भेड़, बकरी, सुअर, हाथी और घोड़े की भी बुकिंग होती है। सभी के लिए अलग अलग नियम हैं।

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