गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर कानून का शिकंजा तेजी से कसा जा रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 10 साल और उनके भाई बसपा सांसद अफजाल को 4 साल की सजा सुनाई है। मुख्तार पर 5 लाख और अफजाल पर 1 लाख रुपए का जुर्माना कोर्ट ने लगाया है। अफजाल अंसारी को दो साल से ज्यादा की सजा हुई है। ऐसे में उनकी संसद सदस्यता जाना तय है।
गैंगेस्टर एक्ट का ये मामला 2007 में कृष्णानंद राय की हत्या (2005) के दो साल बाद पुलिस ने दर्ज किया था। यह केस राय की हत्या के बाद हुई आगजनी, बवाल और कारोबारी नंद किशोर रुंगटा की अपहरण-हत्या को आधार बनाते हुए पुलिस ने मुख्तार और अफजाल पर दर्ज किया था। हालांकि, कृष्णानंद राय और नंद किशोर रुंगटा की हत्या में दोनों भाई (मुख्तार-अफजाल) बरी हो चुके हैं।
राय के काफिले पर चली थीं 500 राउंड गोलियां
गाजीपुर में 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित कुल 7 लोगों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। चुनावी रंजिश के कारण इस हत्या को अंजाम दिया गया था। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी और अफजाल को आरोपी बनाया गया था। दरअसल अंसरी ब्रदर्स के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 2002 में अफजाल अंसारी को हराकर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल की थी।
कृष्णानंद राय की हत्या उस समय की गई, जब वह भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में आयोजित एक स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बुलाए गए थे। जब वह मैच का उद्घाटन कर वापस आ रहे थे, तभी बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने कृष्णानंद राय के काफिले पर एके-47 से 500 राउंड फायर झोंक दिए थे।
अपहरण कर मांगी गई थी 5 करोड़ की फिरौती
जनवरी 1997 में कोयला व्यापारी और VHP कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रूंगटा का उसके घर से अपहरण कर फिर हत्या की गई थी। रूंगटा के परिवार से 5 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की गई थी. परिवार ने 1.5 करोड़ भी दे दिए थे लेकिन बाद में रूंगटा की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आरोप लगा था। इस मामले में उन पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था।
8 महीने में मुख्तार को चौथी सजा
मुख्तार अंसारी को सितंबर 2022 से अप्रैल 29 तक कुल 4 मामलों में सजा मिल चुकी है। 22 सितंबर 2022 को मुख्तार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई थी। अगले ही दिन उसे दूसरे मामले में 5 साल की सजा मिली। ठीक 85 दिन बाद गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। शनिवार को गाजीपुर कोर्ट ने 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई।