नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री से लेकर जजों तक में अपनी पैठ बताकर लोगों से करोड़ों की ठगी करने का आरोपी संजय प्रकाश राय शेरपुरिया को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। महाठग संजय दिल्ली के एक बड़े उद्योगपति से छह करोड़ रुपये की डील में फंसा है। उद्योगपति का केंद्रीय जांच एजेंसी का केस/जांच रफादफा कराने का संजय ने ठेका लिया था।
संजय राय मूलरूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है। वर्तमान में वह दिल्ली में रहता है। गुजरात में बड़ा कारोबार रहा है। यूपी, दिल्ली व गुजरात में उसका नेटवर्क है। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, उद्योगपति गौरव डालमिया की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी कर रही है। गौरव किसी के जरिये संजय राय के संपर्क में आया। संजय राय ने दावा किया वह केंद्रीय जांच एजेंसी का मामला रफादफा करवा देगा। इसके लिए उसने गौरव से छह करोड़ की डील की। ये रकम संजय को पहुंच गई। चूंकि केंद्रीय जांच एजेंसी पहले से ही प्रकरण में सक्रिय थी, इसलिए उसको इसकी भनक लग गई। एसटीएफ की नोएडा यूनिट को भी जानकारी दी गई। एसटीएफ ने अपने स्तर से तफ्तीश की। संजय राय के बैंक खातों का विवरण निकाला। उसके बाद तलाश शुरू की थी। गिरफ्तारी करने के बाद एसटीएफ के इंस्पेक्टर सचिन ने केस दर्ज कराया। विवेचना अब विभूतिखंड पुलिस करेगी। विशेष सीजेएम साक्षी गर्ग की कोर्ट ने 3 मई तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
एसटीएफ ने आरोपी के फोन की जांच की। इसमें सामने आया कि सोशल मीडिया पर कई बड़ी हस्तियों के अलावा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस प्रमुख, सांसद, प्रधानमंत्री के साथ उसकी फोटो को पोस्ट किया गया था। हालांकि कुछ तस्वीरें एडिटेड भी होने की आशंका है।
मांगा था टिकट, खुद को बताया था प्रभारी
2022 विधानसभा चुनाव में संजय राय गाजीपुर से चुनाव लड़ना चाहता था। वह भाजपा से टिकट पाने की जद्दोजहद में लगा था। हालांकि उसको टिकट नहीं मिल पाया था। उस दौरान वह लंबे समय तक गाजीपुर में रुका था। पार्टी के कार्यकर्ता की तरह प्रचार-प्रसार में जुटा था। इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान वह पीएम के संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करता था। वह खुद को उस संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बताता था। एक तरह से वह बड़े नेताओं का करीबी होने का दावा किया करता था। इससे उस पर लोगों का विश्वास बनता रहे और ठगी का जाल फैलाता रहे।