तुम्हें सियासत ने हक दिया है, जिसे भी चाहो हलाल कर दो… नरोदा पाटिया नरसंहार केस पर ओवैसी का तंज

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अहमदाबाद। नरोदा गाम नरसंहार केस में गुजरात की अदालत ने 68 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। इन आरोपियों में दो नाम माया कोडनानी और बाबू बजरंगी खास थे। अदालत के इस फैसले पर सियासी दलों और चेहरों ने प्रतिक्रिया दी। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने मशहूर शायर रहे राहत इंदौरी की शेर के जरिए मौजूदा गुजरात और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राहत इंदौरी की एक शायरी पोस्ट करते हुए लिखा है, ‘जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो। तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम, जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।’

वहीं, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी फैसला आने के बाद ट्वीट किया है। उन्होंने कहा 11 मुस्लिम मारे गए थे। नरोदा गाम में उनके घरों को जला दिया गया था। उन गवाहों का क्या हुआ, जिन्होंने माया कोडनानी को नरसंहार का नेतृत्व करते हुए देखा था। गुजरात की न्याय व्यवस्था शर्मानाक!नरोदागाम नरसंहार मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। बहुत जल्द, हम यह भी सुनेंगे कि कोई जनसंहार नहीं हुआ था।

नरोदा गाम में हुई थी हिंसा
नरोदा गाम और नरोदा पाटिया में हुई इस हिंसा के बाद गुजरात में दंगे फैल गए। इस मामले की जांच के लिए SIT टीम गठित की गई। राज्य की भाजपा सरकार पर दंगाईयों का सहयोग करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में भाजपा नेताओं के नाम भी सामने आए। SIT ने माया कोडनानी को घटना का मुख्य आरोपी बनाया था। गुजरात दंगों की शुरुआत नरोदा गाम से ही हुई थी। इस दौरान 27 शहरों और कस्बों में कर्फ्यू लगाया गया था। नरोदा के सभी मुस्लिम घर इस हादसे में नष्ट दिए गए थे।

अब तक मामले में क्या-क्या हुआ
इसके बाद साल 2009 में मामले की अदालती कार्यवाही शुरू हुई। मामले में 327 लोगों के बयान दर्ज किए गए। 2012 में SIT मामलों की विशेष अदालत ने माया कोडमानी और बाबू बजरंगी को हत्या और षडयंत्र रचने का दोषी पाया था। इस मामले में 32 अन्य लोगों को भी दोषी माना गया था। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर 2017 में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 13 साल से इस मामले में सुनवाई चल रही है। इस मामले में एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी माया कोडनानी की तरफ से कोर्ट में गवाही दी थी।

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