इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत दौरे पर आएंगे। पाक विदेश मंत्री गोवा में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
पाकिस्तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। चार और पांच मई को गोवा की राजधानी पणजी में एससीओ सम्मेलन होना है। इससे पहले साल 2016 में भी भारत ने गोवा में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी की थी। बिलावल के भारत दौरे को लेकर पाक ने बीते कई दिनों से कोई भी साफ राय नहीं रखी थी। पाक का कहना था कि बिलावल भारत आएंगे या नहीं इसपर अभी फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, अब पाक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने साफ किया कि वो भारत आ रहे हैं।
साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्ता में आए थे तो तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था। बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे। साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे। दोनों ने अजमेर जाकर मजार-ए-शरीफ पर चादर भी चढ़ाई थी। बिलावल ने उस समय बयान दिया था कि पाकिस्तान, भारत के साथ शांति चाहता है।
पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी
दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस (UN) के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्होंने कहा था कि कोई भी शब्द या आलोचना भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।
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