कोझिकोड। केरल के कोझिकोड में रेल अग्निकांड के आरोपी शाहरुख सैफी पर UAPA एक्ट लगाया गया है। आरोप है कि शाहरुख ने अलप्पुझा-कन्नूर के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगा दी थी, जिससे ट्रेन में सफर कर रहे चार लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक नवजात बच्चा भी शामिल था। आरोपी शाहरुख सैफी बेहद कट्टरपंथी है और वह विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक का अंधा फॉलोवर है।
केरल पुलिस ने कहा कि 2 अप्रैल को कन्नूर जाने वाली एक्जीक्यूटिव एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने की घटना में दिल्ली के शाहीन बाग निवासी 27 साल के शाहरुख सैफी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) लगाया गया था। केरल के एडीजीपी एमआर अजीत कुमार ने कहा कि शाहरुख सैफी अपराध करने के इरादे से ही केरल आया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उस घटना के आरोपी शाहरुख सैफी को लेकर सभी सबूत जुटाए हैं। इस अग्निकांड में ट्रेन में सवार चार लोगों की मौत हो गई थी और आठ अन्य घायल हो गए थे।
भगोड़े जाकिर नाइक के भड़काऊ वीडियो से बढ़ा नफरत
कोझिकोड में विशेष जांच दल के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एम आर अजीत कुमार ने मीडिया को बताया कि सैफी एक अत्यधिक कट्टरपंथी व्यक्ति है। वह नफरत फैलाने और युवाओं को आतंकवाद की ओर भड़काने के आरोप जाकिर नाइक के वीडियो का अनुसरण कर रहा है। एडीजीपी ने कहा, ‘हमने उसके अपराध से जुड़े सभी सबूत जुटाए हैं। सैफी लगातार भगोड़े जाकिर नाइक के वीडियो देख रहा है। वह खतरनाक कट्टरपंथी है और वह अपराध करने के मजबूत इरादे के साथ केरल आया था।’
आतंक का एंगल सामने आने के बाद यूएपीए की धारा 16 के तहत केस
अजीत कुमार ने कहा कि आतंकी एंगल के सामने आने के बाद शाहरुख सैफी पर यूएपीए की धारा 16 (आतंक के कार्य जो जीवन की हानि, मृत्यु या आजीवन कारावास की सजा) के तहत आरोपित किए गए थे। उन्होंने कहा, “उसके पास इस आगजनी को करने की स्पष्ट योजना थी। यह पता लगाने के लिए जांच अभी भी जारी है कि क्या उसे अपराध के लिए कोई स्थानीय समर्थन मिला था। हमने अब तक उसकी दिल्ली से केरल के कोझिकोड तक की यात्रा और अपराध के बाद महाराष्ट्र में रत्नागिरी तक उसकी आवाजाही के संबंध में सभी विवरण इकट्ठा किए हैं।”
शाहरुख सैफी के केरल और बाहर के संभावित मददगारों की तलाश
एडीजीपी ने कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या उसे केरल या देश में कहीं और चरमपंथी संगठनों से समर्थन मिला था। इससे पहले पुलिस ने शाहरुख सैफी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 326A (तेजाब आदि के उपयोग से गंभीर चोट लगने), 436 (आग और विस्फोटक पदार्थों से शरारत), 438 (आग या विस्फोटक द्वारा शरारत करने का प्रयास) और भारतीय रेलवे अधिनियम की धारा 151 (रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) के तहत आरोप दर्ज किया गया था।
क्या है मामला
बीती दो अप्रैल की रात अलप्पुझा-कन्नूर एक्सप्रेस में शाहरुख सैफी ने यात्रियों पर पेट्रोल डालकर उन्हें आग के हवाले कर दिया था। इसमें नौ लोग झुलस गए थे, जिनमें से चार की मौत हो गई थी। एक महिला, शिशु और एक पुरुष का शव एलाथुर रेलवे स्टेशन के पास पटरियों से बरामद हुआ था। पुलिस का मानना है कि ट्रेन में आग लगने के बाद इन लोगों ने खुद को बचाने के लिए ट्रेन से छलांग लगाई होगी, जो उनकी मौत का कारण बनी। मामले की जांच के लिए केरल पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है। पुलिस ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी से आरोपी शाहरुख सैफी को गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए भी इस मामले की जांच की निगरानी कर रही है। एनआईए इस मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है। ऐसी आशंका है कि शाहरुख किसी कट्टरपंथी संगठन के संपर्क में हो सकता है और उसी से प्रभावित होकर उसने इस अग्निकांड को अंजाम दिया।