प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में प्रयागराज की कोर्ट ने तीनों हमलावरों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी सिंह नाम के तीनों शूटर्स पर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं। प्रयागराज पुलिस की ओर से धूमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है।
प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने रविवार (16 अप्रैल) को एफआईआर की कॉपी का हवाला देते हुए कहा, ”प्रयागराज में अतीक-अशरफ की हत्या में शामिल तीन शूटरों ने कहा कि यह जानकारी मिलने के बाद कि अतीक और अशरफ को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है, हम पत्रकारों के रूप में भेष बदलकर प्रयागराज आए और स्थानीय पत्रकारों के बीच रहने लगे और दोनों को मारने की योजना बना रहे थे। हम प्रदेश में मशहूर होने के लिए गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारना चाहते थे।”
प्रयागराज पुलिस ने FIR में क्या-क्या लिखा…?
- अतीक अहमद IS 227 गैंग का लीडर और हिस्ट्रीशीटर था और उसका भाई अशरफ IS 227 गैंग का एक एक्टिव मेंबर थ।
- अतीक ने एक बयान में कहा कि उसके पाक स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और आईएसआई के साथ संबंध थे और उसने पंजाब में पाकिस्तान ड्रोन के जरिए हथियार मंगाए थे।
- अतीक और अशरफ ने कहा कि वे उस व्यक्ति का पता जानते हैं जिसने उन्हें हथियार पहुंचाए थे, लेकिन जेल से पता नहीं चल सका और अगर वे स्थान पर पहुंच गए तो बता पाएंगे। उमेश पाल की हत्या में जो हथियार इस्तेमाल किए गए हैं, वो अतीक के बताए पते से एक शख्स के पास से बरामद हुए हैं।
- 14 अप्रैल को पुलिस ने अतीक और अशरफ से पूछताछ करने की कोशिश की थी लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी क्योंकि अतीक-अशरफ, असद अहमद (अतीक का छोटा बेटा) की मौत से सदमे में थे।
- 15 अप्रैल को पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में इस्तेमाल पाकिस्तान कनेक्शन वाली पिस्टल और कारतूस बरामद कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
- 15 अप्रैल को रात 10.35 बजे अतीक और अशरफ को लेकर पुलिस प्रयागराज मेडिकल कॉलेज पहुंची। पुलिस जीफ से उतरकर अतीक-अशरफ मुश्किल से 15 से 20 कदम ही चले होंगे कि मीडिया वालों ने उन्हें घेर लिया। मीडिया को बाइट देने वो दोनों रुक गए।
- अतीक-अशरफ वे दोनों, मीडिया से घिरे हुए थे। अचानक दो पत्रकारों ने अपना कैमरा और माइक गिरा दिया और अतीक और अशरफ पर एक फ्लैश में गोली चला दी। अचानक तीसरे पत्रकार ने भी फायरिंग शुरू कर दी और जब तक कोई कुछ समझ पाता मीडिया की आड़ में अपराधियों ने अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया।
- फायरिंग में पुलिसकर्मी मान सिंह घायल हो गए और एक हमलावर भी घायल हो गया है। अतीक और अशरफ को अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
- उनका मुख्य उद्देश्य अतीक और अशरफ को मारकर अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाना था। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि जब से उन्हें अतीक और अशरफ के पुलिस रिमांड की सूचना मिली तो उन्होंने मीडिया पत्रकारों के रूप में हत्या करने की योजना बनाई और उन्हें शनिवार (15 अप्रैल) की रात इसका मौका मिल गया।
- पुलिस पूछताछ तीनों शूटरों ने बताया कि वह माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ गैंग का सफाया करना चाहते थे ताकि यूपी भर में उनका नाम हो और भविष्य में लोग उनसे भी खौफ खाए।
- आरोपियों ने बताया कि हम लोग अतीक-अशरफ के पास मौजूद पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए थे, इसलिए हत्या करके भाग नहीं पाए, क्योंकि पुलिस की तेज कार्रवाई से हम लोग पकड़े गए।
तीनों आरोपियों की हुई है पहचान
तीनों आरोपियों में पहले का लवलेश तिवारी पुत्र यज्ञ कुमार तिवारी, निवासी केवतरा क्रॉसिंग, थाना कोतवाली, बांदा उम्र 22 साल बताया है। दूसरे ने अपना नाम मोहित उर्फ सनी, पुत्र स्वर्गीय जगत सिंह, निवासी कुरारा, थाना कुरारा, जिला हमीरपुर उम्र 23 साल बताया है। तीसरे आरोपी ने अपना नाम अरुण कुमार मौर्य पुत्र दीपक कुमार, निवासी कातर बारी, थाना सोरों, जिला कासगंज उम्र 18 साल बताया है। तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, धारा 307, आर्म्स एक्ट की धारा 3, आर्म्स एक्ट की धारा 7, आर्म्स एक्ट की धारा 25, आर्म्स एक्ट की धारा 27 और आपराधिक कानून संसोधन की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।