भाजपा में मेयर टिकट के लिए दावेदारों में सियासी जंग, दीप्ति मित्तल भी प्रमुख दावेदार

गाजियाबाद। गाजियाबाद में निकाय चुनाव की अधिसूचना के बाद पार्टियों में टिकट दावेदारों की लाइन है। महापौर की सीट के लिए भाजपा से दीप्ति मित्तल भी मैदान में हैं। सीट महिला होने के बाद इनके नाम पर तेजी से चर्चा हो रही है। दावेदारी तो औरों की भी है लेकिन इन्हें प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में महापौर सीट को लेकर होने वाला चुनाव रोचक होगा।

राजनगर निवासी दीप्ति मित्तल आरएसएस पृष्ठभूमि से आती हैं। इसीलिए उनके भी दावेदारी मजबूत है। दीप्ति के पिता स्व. राजेश्वर प्रसाद आपातकाल के दिनों में जेल में रहे, साथ ही दीप्ति ने मात्र 11 साल की उम्र में इंदिरा गाँधी की सरकार के खिलाफ गौ रक्षा आन्दोलन में भाग लिया था। उन्होंने राम मंदिर आन्दोलन में भी अहम भूमिका निभाई है और एक सप्ताह मुज्जफरनगर की जेल काटी।

वहीं भाजपा के गाजियाबाद प्रभारी अमित वाल्मीकि का कहना है कि चुनाव में संगठन के पुराने कार्यकर्ताओं को वरीयता मिलेगी। सभी के बायोडाटा लिए जा रहे हैं। कोर कमेटी के सामने प्रत्येक बायोडाटा पर चर्चा होगी। प्रदेश नेतृत्व का फैसला आखिरी होगा।

कब-कौन बना मेयर

वार्डों में भी सबसे ज्यादा बीजेपी के मेंबर
गाजियाबाद नगर निगम में 100 वार्ड हैं। 2017 के चुनाव में 61 पर बीजेपी, 5 पर सपा, 12 पर बसपा, 15 पर कांग्रेस और 7 पर अन्य जीते थे। आम आदमी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा मिलने के बाद पदाधिकारी खासे उत्साहित हैं। वे चाहते हैं कि इस बार गाजियाबाद में सभी 100 वार्डों में चुनाव लड़ा जाए। कुछ वार्ड मुस्लिम बाहुल्य होने की वजह से असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM भी कई नगर पालिका-पंचायतों में ताल ठोकने जा रही है।

Exit mobile version