‘पीएम मोदी की डिग्री मुद्दा नहीं…..’, शरद पवार का एक बार फिर विपक्षी एकता को ठेंगा

शरद पवार

मुंबई। नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने एक बार फिर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे से नाराजगी जाहिर की है। पीएम की डिग्री विवाद पर शरद पवार ने कहा है कि ये कोई मुद्दा नहीं है और नेता इस पर अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा देश कई मुश्किल समस्याओं का सामना कर रहा है। ऐसे में उन पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे पहले शरद पवार ने अदाणी मामले पर भी विपक्ष के स्टैंड की आलोचना की थी और जेपीसी की मांग को खारिज कर दिया था।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ”जब हम बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और महंगाई का सामना कर रहे हैं तो क्या देश में किसी की शैक्षणिक डिग्री राजनीतिक मुद्दा होना चाहिए? आज धर्म और जाति के नाम पर लोगों में भेद पैदा किया जा रहा है। महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं। ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करना जरूरी है।
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इससे पहले पवार ने यह भी कहा था कि अडानी समूह के बारे में जिस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष द्वारा इतना हल्ला मचाया जा रहा है। जबकि उस कंपनी की खुद की कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है। शरद पवार के बयान से जेपीसी जांच की मांग कर रही कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है पवार का रुख सरकार को निशाना बना रहे विपक्ष से अलग दिखाई दे रहा है।

सावरकर मुद्दे पर भी कांग्रेस को दिया झटका
महाराष्ट्र और देश की सियासत में यह कोई पहला मौका नहीं है। जब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपने छह दशक लंबे राजनीतिक जीवन में सहयोगियों के साथ-साथ विरोधियों को अपने अलग राजनीतिक नजरिए से परेशान न किया हो। एक तरफ जहां कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने वीर सावरकर विरोधी बयान दिया था। तब भी पवार ने कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सावरकर की ओर से किए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने सावकर को वैज्ञानिक सोच वाला इंसान बताते हुए उनकी तारीफ की थी।

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