नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी के डिग्री विवाद और राहुल गांधी की सावरकर मामले में टिप्पणी के बाद अब अदाणी समूह पर लगे आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग पर भी विपक्ष बंट गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अदाणी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित करने के बाद जेपीसी की मांग सही नहीं है।
NDTV को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने विपक्ष की जेपीसी वाली मांग को गैरजरूरी बताया। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि जेपीसी में सरकार का बहुमत रहेगा, ऐसे में संसदीय समिति कभी भी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का ही विकल्प सबसे अच्छा है। पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई, जिसमें रिटायर जज, एक एक्सपर्ट, एक प्रशासक और एक अर्थशास्त्री थे। उन्हें एक समय सीमा दी गई, जिसमें जांच करनी थी। दूसरी ओर विपक्ष चाहता था कि जेपीसी इसकी जांच करे। अगर जेपीसी बन भी जाती तो वो सरकार की निगरानी में काम करती। ऐसे में सच्चाई कैसे सामने आती। एक बात साफ है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बना दी थी, तो इस मांग की कोई जरूरत नहीं थी।
पवार ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता इस मांग के पीछे कांग्रेस की क्या मंशा थी? बस मुझे ये पता की सर्वोच्च अदालत की समिति काफी महत्वपूर्ण थी। उन्होंने ये भी साफ किया कि जिस तरह से राहुल गांधी बड़े बिजनेस घरानों पर निशाना साधते हैं, वो उससे सहमत नहीं हैं।
जब टाटा-बिड़ला पर बरसते थे पवार
उन्होंने कहा कि ऐसा इस देश में कई सालों से होता आ रहा है। मुझे याद है कि कई साल पहले जब हम राजनीति में आए थे तो सरकार के खिलाफ बोलना होता था तो टाटा-बिड़ला के खिलाफ बोलते थे। निशाना कौन था? टाटा-बिड़ला। अब पता चलता है कि उन्होंने देश के लिए कितना योगदान दिया है। आज टाटा-बिड़ला का नाम सबसे आगे नहीं है, अलग-अलग टाटा-बिड़ला सरकार के सामने आ चुके हैं, इसलिए इन दिनों अगर सरकार पर हमला करना हो तो अंबानी और अडानी का नाम लिया जाता है।
कई सेक्टर में अंबानी का योगदान- पवार
पवार ने कहा कि जिन लोगों (अडानी-अंबानी जैसे बिजनेसमैन) को आप निशाना बना रहे, अगर उन्होंने कुछ गलत किया है, तो आपको 100 प्रतिशत अधिकार बोलने का है, लेकिन बिना किसी मतलब के हमला करना, ये मेरी समझ में नहीं आता। आज अंबानी पेट्रोकेमिकल, बिजली समेत कई क्षेत्रों में योगदान दे रहे। क्या देश को इन सब चीजों की जरूरत नहीं है। ये ऐसे लोग हैं जो इस तरह की जिम्मेदारी लेते हैं और इसके लिए काम करते हैं। अगर उन्होंने गलत किया है तो आप हमला कीजिए, लेकिन उन्होंने ये इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है, उनकी आलोचना करना मुझे ठीक नहीं लगता।
पवार के अपने विचार
कांग्रेस ने शरद पवार के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि एनसीपी के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल इस बात को मानते हैं कि प्रधानमंत्री से जुड़ा अदाणी समूह का मुद्दा वास्तविक और गंभीर है। कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में यह भी कहा गया है, एनसीपी समेत समान विचारधारा वाले 20 विपक्षी दल एकजुट हैं। रमेश ने कहा कि यह एनसीपी के अपने विचार हो सकते हैं। विपक्ष की 19 पार्टियां आश्वस्त हैं कि पीएम से जुड़ा अदाणी समूह का मुद्दा वास्तविक है। रमेश ने कहा कि एनसीपी सहित 20 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल एकजुट हैं। संविधान और लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने के लिए हम साथ हैं।