अतीक अहमद और उसके बेटे उमर को राहत नहीं, कारोबारी से मारपीट के मामले में आरोप तय

अतीक अहमद

लखनऊ। माफिया अतीक अहमद की मुश्किलें लगातार बढ़तीं जा रही हैं। अतीक के बेटे उमर को आज विशेष जज अजय विक्रम सिंह के समक्ष सीबीआई वेस्ट कोर्ट में किया पेश गया। वहीं साबरमती जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अतीक पेश हुआ था। कारोबारी से मारपीट मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर पर आरोप तय हुए हैं।

विशेष जज अजय विक्रम सिंह की कोर्ट में माफिया अतीक अहमद और उसके बेटे उमर अहमद पर 364A, 147, 149, 329, 386, 120b, 420/120A, 467, 468, 471, 394/149, 323, 504, 506 की धाराओं में अपराध तय हुआ है। दरअसल 28 दिसंबर 2018 को कारोबारी मोहित जायसवाल ने कृष्णा नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद ने गुर्गों के जरिये गोमती नगर स्थित ऑफिस से उसका अपहरण करवाया था। इसके बाद अतीक ने जेल में उसके साथ मारपीट की तथा सादे पन्ने पर दस्तखत करने को कहा था। इनकार पर अतीक, उसके बेटे उमर तथा गुफरान, फारुख, गुलाम व इरफान ने तमंचे-रॉड और पट्टे से उसे पीटा था। इसके बाद जबरन स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर बनवाकर 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली थी।

अतीक पर दर्ज हो चुके हैं 101 मुकदमे
अतीक के खिलाफ कुल 101 मुकदमे दर्ज हुए। वर्तमान में कोर्ट में 50 मामले चल रहे हैं, जिनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे हैं। उस पर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था। इसके बाद जुर्म की दुनिया में अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हत्या, लूट, रंगदारी अपहरण के न जाने कितने मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते रहे। मुकदमों के साथ ही उसका राजनीतिक रुतबा भी बढ़ता गया।

एक बार एनएसए भी लगाया जा चुका है
1989 में वह पहली बार विधायक हुआ तो जुर्म की दुनिया में उसका दखल कई जिलों तक हो गया। 1992 में पहली बार उसके गैंग को आईएस 227 के रूप में सूचीबद्ध करते हुए पुलिस ने अतीक को इस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया। 1993 में लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड ने अतीक को काफी कुख्यात किया। गैंगस्टर एक्ट के साथ ही उसके खिलाफ कई बार गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई। एक बार तो उस पर एनएसए भी लगाया जा चुका है।

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