लखनऊ। बसपा प्रदेश मुख्यालय पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सपा और भाजपा दोनों पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि यदि सपा एहसान फरामोशी नहीं करती और 1995 में गेस्ट हाउस कांड ना होता तो आज यह गठबंधन देश पर राज कर रहा होता। किंतु सपा की दलित व अति पिछड़ा विरोधी संगठन राजनीति तथा मुस्लिम समाज के प्रति छलावे ने से ऐसा संभव नहीं हो सका।
मायावती ने यूपी बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों और प्रदेश के सभी 75 जिलों के पार्टी अध्यक्षों के साथ बैठक की। उन्होंने यह भी कहा है कि समाजवादी पार्टी हमेशा से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के प्रति विद्वेष पूर्ण भावना रखती थी. सपा का दलितों, अति पिछड़ी जातियों और इनके मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर और कांशीराम के प्रति एहसान फरामोशी व इनका राजनीतिक द्वेष का लंबा इतिहास लोगों के सामने हैं। जिस कारण ही साल 1995 में गेस्ट हाउस कांड हुआ और दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटा।वैसे तो सपा का दलित विरोधी चाल, चरित्र व चेहरा किसी से भी छिपा हुआ नहीं है। जिस कारण ही इन्होंने संसंद में प्रमोशन आरक्षण का विधेयक फाड़ डाला था।
बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी संगठन की मजबूती और प्रदेश के गांव-गांव में पार्टी के जनाधार को कौडर के आधार पर बढ़ाने के दिंसबर के आखिर में दिए गए कार्यों की प्रगित रिपोर्ट ली। इस कार्य में आने वाली प्रगति पर थोड़ा संतोष व्यक्त करते हुए साथ ही समीक्षा के दौरान इनके कार्यों में आने वाली कमियों को दूर करने की भी हिदायत दी। मायावती ने कहा कि इस सरकार में वास्तिक विकास अगर किसी का हुआ है तो वह मुट्ठीभर सत्ताधारी लोगों का हुआ है। जो लोग कानून के उपर हैं तथा जिनके लिए कानून के राज जैसे अनुशासन का कोई मतलब नहीं है, यह सब जगजाहिर हैं।
उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव में सभी को मजबूती से जुट जाना है। लोग इस समय महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और बदहाल कानून व्यवस्था से त्रस्त हैं। भाजपा इन सब मुद्दों पर फेल हो गई है। स्मार्ट सिटी केवल कागजों में हैं। महंगाई और गरीबी के कारण गांव तक में जनता की हालत खराब है। इस सरकार ने सब कुछ ठेके पर कर दिया है और इस ठेका प्रथा के चलते स्थाई नौकरी लोगों के लिए दूर का सपना हो गई है। उन्होंने कहा कि गांव गांव चलो अभियान ने बसपा को मजबूती दी है और लोगों तक लगातार अपनी आवाज पहुंचाते रहें।