अमृतपाल सिंह अभी भी फरार, पांच लोगों पर लगा NSA

चंडीगढ़। अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में पंजाब पुलिस ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस तीन दिनों से सर्च ऑपरेशन चलाए हुए हैं। अब तक पुलिस ने अमृतपाल के 7 बंदूकधारियों सहित 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसे में पंजाब के माहौल और अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर IGP सुखचैन सिंह गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारियां साझा की।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आईजीपी पंजाब सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है। पुलिस उसे पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पंजाब पुलिस साफ कह रही है कि गिरफ्तारी अभी बाकी है और गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। IGP पंजाब ने आगे कहा कि राज्य में शांति है। ‘वारिस पंजाब दे’ के कुछ तत्वों के खिलाफ विशेष कार्रवाई की गई, जिनके खिलाफ 6 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अब तक 114 तत्वों ने शांति और सद्भाव को भंग करने का प्रयास किया। उन्हें राउंडअप कर गिरफ्तार कर लिया गया है। उनमें से 78 को पहले दिन गिरफ्तार किया गया, 34 को दूसरे दिन और दो अन्य को कल रात गिरफ्तार किया गया। 10 हथियार बरामद किए गए हैं।

आईएसआई लिंक और विदेश फंडिंग का शक
सुखचैन सिंह ने कहा कि अब तक सामने आए तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर हमें आईएसआई के एंगल पर बहुत गहरा संदेह है। हमें विदेशी फंडिंग का भी बहुत गहरा संदेह है। हालात को देखते हुए ऐसा लगता है कि आईएसआई शामिल है और विदेशी फंडिंग भी है। जो बुलेटप्रूफ जैकेट और राइफलें बरामद हुई हैं और मुखिया (अमृतपाल सिंह) के गेट (घर के) पर एकेएफ ‘आनंदपुर खालसा फौज’ नाम से एक जत्थेबंदी बनाने की कोशिश की गई थी।

4 लोगों को भेजा डिब्रूगढ़
उन्होंने बताया कि चार बंदियों को हिरासत के बाद असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया। वे हैं दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला और भगवंत सिंह। एक और बंदी, हरजीत सिंह – अमृतपाल सिंह का चाचा डिब्रूगढ़ के रास्ते में है। उसे वहां ले जाया जा रहा है।

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