लखनऊ। यूपी में कर्मचारियों की हड़ताल से खड़े हुए बिजली संकट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया है कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इन लोगों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। इनमें से छह को निलंबित किया जा रहा है। संविदाकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। अब तक 1332 की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। जरूरत कम है।
24 घंटे में अंधी तूफान की वजह से काम प्रभावित हो रहा है। कुछ जगह कर्मचारियों ने समस्या खड़ी की जिसे निष्प्रभावी कर दिया गया है। हड़ताल का कोई असर नहीं है। तार फीडर में हुई गड़बड़ी सही की गई है। कई जगह शार्ट सर्किट करने का प्रयास किया गया। देवरिया व आजमगढ़ में कुछ वारदात हुई है। उन सभी के नाम आ गए है। सभी के खिलाफ सख्त करवाई होगी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। संघर्ष समिति को बार बार बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल जनहित के विरुद्ध है। यह अवमानना भी है। कोर्ट के आदेश से सभी को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। अब कार्पोरेशन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विवश है।संघर्ष समिति हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है।