नई दिल्ली। भारत 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश रहा। 2021 में हम पांचवें नंबर पर थे। हवा में प्रदूषण नापने की इकाई यानी PM2.5 में भी गिरावट आई है। यह 53.3 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर हो गया है। हालांकि चिंता की बात ये है कि यह अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सेफ लाइन (5) से 10 गुना से भी ज्यादा है।
स्विट्जरलैंड की फर्म आईक्यू एयर (IQAir) ने वर्ल्ड एयर क्वालिटी नाम से एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में 2022 के प्रदूषण के आधार पर 131 देशों का आकलन किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों में 19 एशिया के हैं, जिनमें 14 भारतीय शहर हैं। टॉप 50 प्रदूषित शहरों में 39 भारत के हैं। भारत का सबसे प्रदूषित शहर राजस्थान का भिवाड़ी रहा। महानगरों में सबसे प्रदूषित दिल्ली रही है। प्रदूषित राजधानियों में नई दिल्ली दूसरे पायदान पर है। साल 2021 में यह सबसे प्रदूषित थी।
भारत के करीब 60% शहरों में प्रदूषण WHO के मानकों से सात गुना अधिक है। साल 2022 में भारत में हवा में प्रदूषण नापने की इकाई PM2.5 में कुछ गिरावट आई है। इसका स्तर 53.3 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर रहा। यह 2021 (58.1 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर) की तुलना में थोड़ा कम है। साल 2022 में ही भारत ने नैशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के लक्ष्य में बदलाव किया और 2026 तक प्रदूषण में 40% कमी करने की बात कही थी।
दिल्ली प्रदूषित लेकिन NCR में सुधार
दिल्ली के साथ NCR में शामिल शहर गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है। औसत PM2.5 की तुलना में गुरुग्राम में 34%, फरीदाबाद में 21% तक सुधार हुआ। दिल्ली में 8% ही सुधार आया है, लेकिन इन शहरों में प्रदूषण अभी भी बहुत ज्यादा है। इससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है। प्रदूषण से उनके फेफड़े प्रभावित हो रहे हैं। बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ रही हैं।
आगरा में 55% सुधार हुआ
सबसे प्रदूषित शहरों में 10 शहर उत्तर प्रदेश और 7 शहर हरियाणा के हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश के आगरा में पिछले साल के मुकाबले 55% तक का सुधार देखने को मिला है। आगरा में 2017-21 के बीच PM2.5 85 माइक्रोग्राम था। 2022 में यह सिर्फ 38 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।