प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में फरार ढाई लाख के इनामी शूटर साबिर के भाई जाकिर की मौत बीमारी से हुई थी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी जान चली गई। उसके शरीर पर कोई जाहिरा चोट के निशान नहीं मिले। उसके पेट को जानवर नोचकर खा गए थे। उसका शव मिलने के बाद लोगों ने हत्या की आशंका जताई थी। हालांकि अभी भी उसके परिजन खामोश हैं।
उमेश पाल की हत्या के बाद से पुलिस मरियाडीह के साबिर की तलाश कर रही है। इस बीच उसका भाई जाकिर संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गया।। वह मरियाडीह से गायब होने के बाद अपने बहनोई अकरम और बहन गुड़िया के यहां नजरगंज कोखराज में रहने लगा। इस बीच अपने बहनोई के घर से भी वह लापता हो गया। बीते गुरुवार को महमदपुर गांव के सामने सरसों के खेत में उसका शव मिला तो गांव में हड़कंप मच गया।
जाकिर की लाश मिलने के बाद सन्नाटा
साबिर के भाई जाकिर की गंगा कछार में लाश मिलने के बाद से रिश्तेदार भी सहमे हुए हैं। मारियाडीह से संदिग्ध परिस्थितियों गायब रहा जाकिर अपनी बहन-बहनोई के घर नजरगंज में रहता था। गुरुवार को लाश मिलने के बाद नजरगंज में सन्नाटा ही छाया रहा। रिश्तेदार भी कुछ बोलने से कतराते रहे। जाकिर की मौत कैसे हुई, कैसे वह गायब हुआ, इस पर परिजनों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया था।
संदिग्ध हालात में गायब हुआ था जाकिर
उमेश पाल की हत्या के बाद से पुलिस मरियाडीह के साबिर की तलाश कर रही है। लोगों का कहना है कि इस घटना में साबिर भी शामिल था। साबिर की तलाश में पुलिस जुटी थी। उसका भाई जाकिर भी संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हुआ था। वह मरियाडीह से गायब होने के बाद अपने बहनोई अकरम व बहन गुड़िया के यहां नजरगंज कोखराज में रहता था। कोखराज थाना से नजरगंज लगभग पांच किमी गंगा कछार में है। नजरगंज से भी वह अचानक ही गायब हुआ था। इससे उसकी बहन गुड़िया व बहनोई अकरम परेशान था। गुरुवार को महमदपुर गांव के सामने सरसों के खेत में लाश मिली तो सबके होश उड़ गए। दादा शमसुद्दीन व बहन गुड़िया के अलावा अन्य परिजनों ने शिनाख्त की थी।
जानवर नोचकर खा रहे थे शव
जाकिर के शव को जानवर नोचकर खा गए थे। आधा पेट गायब था। लोगों का यही कहना है कि जाकिर की हत्या हुई है, वहीं पुलिस का कहना है कि वह गंभीर रूप से बीमार था। प्रथम दृष्टया घटना हत्या नहीं लग रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसकी मौत हृदय गति रुकने से होने की पुष्टि हुई है। शुक्रवार को जाकिर के बहन व बहनोई के गांव नजरगंज में सन्नाटा छाया रहा। बीच-बीच में यहां पुलिस आती-जाती रही। इसका खौफ भी लोगों को पर दिखा। अकरम के मोहल्ले के सभी घरों के दरवाजे बंद मिले। जाकिर के बारे में पहले तो कोई बात ही नहीं करने को तैयार था। यदि किसी ने कुछ बताया भी थी सिर्फ इतना ही सुना है कि उसकी लाश मिली है।