चित्रकूट। चित्रकूट जेल में गैरकानूनी तरीके से अब्बास अंसारी की उनकी पत्नी निखत से मुलाकात के मामले में नया खुलासा हुआ है। अब्बास से मिलने आने वाले परिजनों को बिना पर्ची और तलाशी के मुलाकात कराने का आदेश जेल अधीक्षक अशोक सागर और जेलर संतोष कुमार ने दिया था।
पदावनत डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय की रिपोर्ट के मुताबिक जेलकर्मियों ने अपने बयान में कहा कि अब्बास से मिलने आने वाले परिजनों को बिना पर्ची और तलाशी के मुलाकात कराने का आदेश जेल अधीक्षक अशोक सागर और जेलर संतोष कुमार ने दिया था। प्रभारी कारापाल पीयूष पांडेय ने बयान दिया कि 10 फरवरी को निखत की मुलाकात की पर्ची उसे नहीं दी गयी थी। जब उन्होंने डिप्टी जेलर चंद्रकला से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अब्बास की पूर्व से ही इसी प्रकार मुलाकात अधीक्षक और जेलर के आदेश पर कारागार के अंदर वाले कमरे में कराई जा रही है। ये सिलसिला अब्बास के चित्रकूट जेल में आने के बाद से जारी है। जिसकी पुष्टि सीसीटीवी से की जा सकती है। इन मुलाकातों को प्रभारी मुलाकात, जेलर अथवा अधीक्षक ने रोकने का प्रयास भी नहीं किया।
रिपोर्ट के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात जेल वार्डर जगमोहन सिंह और सत्येंद्र कुमार ने अब्बास अंसारी को पत्नी से मुलाकात करने के लिए कारागार के अंदर बिना किसी सक्षम प्राधिकारी के आदेश एवं मुलाकात पर्ची, जांच के अंदर आने दिया। उसने निखत के बैग की तलाशी भी नहीं करायी। दोनों को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गयी। इसी तरह जेल वार्डर अभय प्रताप सिंह की ड्यूटी तलाशी लेने की थी। उन्होंने अब्बास को बिना तलाशी या आदेश के द्वितीय गेट से जाने दिया।
इससे पहले चित्रकूट जेल के अधीक्षक, जेलर और वार्डर को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों से पिछले पांच दिनों से एसआईटी पूछताछ कर रही थी। पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। इसी के बाद तीनों की गिरफ्तारी की गई है। इससे पहले डिप्टी जेलर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। पता चला है कि मुख्तार की तरफ से वाहनों में फंडिंग, नकदी और जेवरात उपहार दिए गए थे। तीनों को सोमवार को अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
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