रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बाद उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के भी वोट देने का अधिकार अब छिन गया है। रामपुर शहर के विधायक आकाश सक्सेना ने शुक्रवार को इस संबंध में एक पत्र निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी को लिखा था। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
मुरादाबाद के एमपी एमएलए कोर्ट ने 13 फरवरी को छजलेट प्रकरण में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी और 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। ईआरओ रामपुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार अपात्र व्यक्ति का नाम काट दिया जायेगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति का नाम जो पंजीकरण के बाद अयोग्य हो जाता है, उसे मतदाता सूची से तुरंत हटा दिया जाएगा। आदेश पत्र में कहा गया है, “यह प्रावधान स्पष्ट करता है कि अयोग्य घोषित किए जाने के बाद अब्दुल्ला आजम खान का नाम तुरंत मतदाता सूची से हटा दिया जाए।”
हाल ही में मुरादाबाद की एक अदालत द्वारा अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी सदस्यता रद कर दी गई थी। उनकी सीट को 13 फरवरी को खाली भी घोषित कर दिया गया है। यह दूसरी दफा है जब उनकी सदस्यता गई है। पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी सदस्यता रद कर दी थी, क्योंकि उनकी आयु 25 वर्ष से कम थी। अब्दुल्ला खान 11 मार्च, 2017 को सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व विधायक को चुनाव की तारीख पर न्यूनतम योग्यता आयु प्राप्त नहीं करने के लिए अयोग्य ठहराया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि हाईकोर्ट का फैसला सही था।