कानपुर अग्निकांड: कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ मां-बेटी का अंतिम संस्कार, बेटे ने दी मुखाग्नि

कानपुर देहात। कानपुर देहात में मैथा तहसील के मड़ौली में कब्जा हटवाते समय आग लगने से जिंदा जलकर मौत के आगोश में समाई मां बेटी के शव का बुधवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। बिठूर घाट पर सुबह से ही बवाल की आशंका के चलते पीएसी और कई थानों का फोर्स पहले से ही तैनात कर दिया गया था। सुबह से ही सीमाओं पर बैरिकेडिंग कर दी गई।

अग्निकांड में घायल कृष्ण गोपाल दिक्षित और उनका बेटा शिवम दिक्षित बिठूर घाट पहुंचे। परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा मौके पर पहुंचे। अंतिम संस्कार के लिए पुलिसकर्मी खुद हाथ में फूल माला लेकर आए। गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द से जल्द अंतिम संस्कार कराया जा सके इसके लिए बिठूर घाट पर पहले से ही मां और बेटी की चिता को बना दिया गया था। बाद में बेटे शिवम दीक्षित ने शवों को मुखाग्नि दी।

एसपी व सीओ ने दिया कंधा
शव वाहन का चालक गलती से आगे बढ़ गया और पीड़ित शिवम के मामा पीछे पहुंचे थे। इस पर शिवम चालक पर भड़क गया। नोकझोंक होने पर पुलिस ने दोनों को शांत कराया। अंतिम संस्कार के लिए कमिश्नर व आइजी भी स्वजन के साथ बिठूर के लिए रवाना हुए हैं। शव को एसपी व सीओ ने भी कंधा दिया।

राज्यमंत्री के सामने पोस्टमॉर्टम हाउस में चली चप्पल
मंगलवार शाम मां-बेटी के शव का पोस्टमॉर्टम हो रहा था, तभी राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, उनके पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी मौके पर पहुंचे थे। तभी ‘मैं हूं ब्राम्हण महासभा’ के कुछ पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। इन पदाधिकारियों ने सोमवार को घटना के बाद राज्यमंत्री के सामने ही गांव में उनके विरुद्ध अभद्र टिप्पणी की थी।

इसके बाद वही पदाधिकारी पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे तो अनिल शुक्ला वारसी से इसी बात पर बहस हो गई। इस दौरान वहां मौजूद बारा जिला पंचायत सदस्य कृष्णा गौतम ने चप्पल लेकर ‘मैं हूं ब्राम्हण महासभा’ के पदाधिकारियों को पीटना शुरू कर दिया। राज्यमंत्री के सामने खूब गाली गलौज हुआ। इसका वीडियो वायरल हो रहा है।

अब तक ये हो चुके गिरफ्तार
मृतका प्रमिला के बेटे शिवम दीक्षित की तहरीर पर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, एसओ रूरा दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, कानून गो, मड़ौली गांव के अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, निर्मल दीक्षित, विशाल, जेसीबी आपरेटर दीपक, तीन अन्य लेखपाल अज्ञात और 12 से 15 महिला और पुरुष पुलिस कर्मी आईपीसी की धारा 302, 307, 436, 429, 323, 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस घटना में अब तक लेखपाल अशोक चौहान और जेसीबी आपरेटर दीपक गिरफ्तार हो चुका है। परिजन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

यह था मामला
कानपुर जिले में रूरा के मड़ौली गांव में सोमवार शाम चार बजे हृदय विदारक घटना हुई। एसडीएम और पुलिस सरकारी जमीन से कब्जा हटवाने पहुंची तो कब्जेदार कृष्णगोपाल दीक्षित ने मोहलत मांगी। समय सीमा खत्म होने की बात कहकर बुलडोजर (बैकहो लोडर) से कब्जा हटाना शुरू किया गया तो कृष्णगोपाल की पत्नी 50 वर्षीय प्रमिला और उनकी बेटी 19 साल की नेहा झोपड़ी में चली गईं। कुछ देर में अंदर आग लग गई और मां-बेटी जिंदा जल गईं।

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