नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र द्वारा नोटबंदी किए छह साल से ज्यादा वक्त बीत गया है हालांकि, विपक्ष इस मुद्दे को अभी भी उठाता है। सरकार ने अब संसद में बताया है कि नोटबंदी के बाद आयकर के संग्रह में 2016-17 के मुकाबले 2017-18 में बढ़ोतरी हुई है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘काला धन’ शब्द आयकर अधिनियम, 1961, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962, सीजीएसटी अधिनियम, 2017, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 और वित्त अधिनियम, 2017 (सेवा कर से संबंधित) के पूर्ववर्ती अध्याय V के तहत परिभाषित नहीं है। हालांकि, जहां तक आयकर विभाग (आईटीडी) का संबंध है, जब भी ‘प्रत्यक्ष कर’ चोरी की कोई विश्वसनीय जानकारी उसके संज्ञान में आती है, तो आयकर विभाग अघोषित आय पर टैक्स और जब्ती सहित उपयुक्त कार्रवाई करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम, 2015 (बीएमए, 2015) के नाम से एक व्यापक और एक सख्त नया कानून बनाया है, जो एक सितंबर, 2015 से लागू हुआ है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अघोषित विदेशी आय/परिसंपत्तियों के संबंध में जानबूझ कर टैक्स चोरी करने का प्रयास आदि का अपराध धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत एक अनुसूचित अपराध है। इसके संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उपयुक्त कार्रवाई करता है। आपराधिक आय की पहचान, अनंतिम कुर्की और उपयुक्त मामलों में अभियोजन शिकायत भी दर्ज कराए जाते हैं।
बीएमए, 2015 के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्या कार्रवाई की। विवरण देते हुए वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि अघोषित विदेशी संपत्ति से जुड़े 648 खुलासे हुए। बीएमए, 2015 के तहत एकमुश्त तीन महीने की compliance window में 4,164 करोड़ रुपये टैक्स की वसूली होनी थी। हालांकि, 30 सितंबर 2015 तक की compliance window में टैक्स और जुर्माने के रूप में एकत्र की गई राशि लगभग 2,476 करोड़ रुपये है।
सरकार के अनुसार 30 नवंबर 2022 तक, बीएमए, 2015 के तहत 394 मामलों में आकलन पूरा कर लिया गया है। 15,570 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स वसूली का अनुमान है। इसके अलावा, बीएमए, 2015 के प्रावधानों के तहत 125 अभियोजन शिकायतें दायर की गई हैं। सरकार ने कहा कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्रवार विवरण अलग से नहीं रखा जाता है।