गाजियाबाद। आज के दौर में इंसान पैसे के पीछे इतना लालची हो गया है कि उसे सिवाय पैसे के कोई चीज़ नज़र नहीं आती लेकिन इसके बावजूद भी ईमानदारों की कोई कमी नहीं है। गाजियाबाद के रिक्शा चालक आस मोहम्मद ने ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुए 25 लाख रुपये की नकदी से भरा बैग पुलिस के सुपुर्द कर दिया। आस मोहम्मद को यह बैग सड़क पर पड़ा मिला था।
मोदीनगर की किदवईनगर कॉलोनी निवासी आस मोहम्मद अपनी पत्नी हनीफा और तीन पुत्रों और एक पुत्री के साथ रहते हैं। आस मोहम्मद ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वह अधिकत माल ढ़लाई का कार्य करते हैं। मंगलवार सुबह आस मोहम्मद माल छोड़कर गांव तिबड़ा के समीप गढ़ी गदाना से लौट रहे थे। जैसे ही वह तिबड़ा मार्ग स्थित रजवाहे के समीप पहुंचे तभी उन्हे एक लावारिश बैग दिखा। इस बैग को खोलते ही बैग से लाखों के नोट झांकते दिखाई दिए। नोटों से भरा लावारिस बैग देख वो भी हैरान रह गए। आस मोहम्मद की कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। उन्होंने अपने भतीजे सरफराज को मामले की सूचना दी। इसके बाद दोनों ने थाने पहुंचकर नोटों से भरा बैग पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस ने नोट गिनने के लिए लिया बैंक का सहारा
बैग में भारी रकम देखते ही एसएसआई ने तत्काल मामले की सूचना एसएचओ भानूप्रताप सिंह को दी। पुलिसकर्मियों ने नोटों के बंडल चेक किया तो काफी रकम लगी। इसके बाद पुलिसकर्मी ने रकम जानने के लिए बैग को बैंक ले गए। जहां बैंक कर्मियों ने मशीन की मदद से नोटों को गिना।
सुरक्षा की दृष्टि से भतीजे को बुलाया
आस मोहम्मद ने बताया कि नोटों से भरा बैग ले जाते समय कहीं उनके साथ कोई वारदात न हो जाए इसे देखते हुए उन्होंने तत्काल अपने भतीजे सरफराज को कॉल कर मौके पर बुलाया और बड़ी सतर्कता के साथ नकदी से भरा बैग लेकर थाने पहुंचे।
डीसीपी ग्रामीण जोन रवि कुमार ने बताया कि आस मोहम्मद द्वारा पुलिस को सौपें गए बैग में करीब 25 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई है। उनकी ईमानदारी के लिए आस मोहम्मद को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि लोगों को आस मोहम्मद से प्रेरणा लेनी चाहिए। बैग के संबंध में जैसे भी कोई सूचना आती है तो उसके अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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