पटना। राष्ट्रीय जनता दल के नेता जगदानंद सिंह ने राम मंदिर पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है। अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी करारा पलटवार किया है। भाजपा ने कहा है कि हिंदू आस्था का अपमान करना राजद और कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता के बराबर है।
गृहमंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि 1 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। अमित शाह के बयान के बयान बिहार के सियासत में गर्मी आ गई। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि हम ‘हे राम’ में विश्वास करते हैं। श्री राम में नहीं। उन्होंने कहा राम हमारे हृदय में हैं। जगदानंद सिंह ने कहा कि श्री राम ना तो अयोध्या में हैं और ना ही लंका में, बल्कि श्री राम शबरी की कुटिया में हैं। जगदानंद सिंह ने अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि अब श्री राम लोगों के दिलों से हटकर क्या मंदिरों में बैठेंगे? उन्होंने गृह मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या श्री राम रामायण से भाग जाएंगे? लोगों के दिलों में से भाग जाएंगे? क्या भारत राम का नहीं रहेगा? क्या अब सिर्फ मंदिर ही राम का रहेगा?
नफरत की जमीन पर मंदिर का निर्माण: जगदानंद सिंह
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण नफरत की जमीन पर हुआ है। उन्होंने लगभग 550 साल के राम मंदिर के संघर्ष को बेमानी बताते हुए कहा कि अब इस देश में इंसानियत नहीं बची है। अब राम उन्मादियों के लिए बचे हुए हैं।
कण-कण में बसे हैं राम, आलीशान भवनों की जरूरत नहीं
जगदानंद सिंह ने कहा कि यह माना जाता था कि राम भारत के कण-कण में बसे हैं। पूरा भारत ही राम का है। जब राम सबके दिलों में हैं। ऐसे में उन्हें भारत के दिलों से छीन कर सिर्फ पत्थरों के आलीशान भवन में नहीं बैठाया जा सकता। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बीजेपी पर भगवान श्री राम को मंदिर में कैद करने का आरोप लगाया। उन्होंने ने कहा कि श्री राम कभी भी कैद नहीं हुए हैं। जगदानंद सिंह ने कहा कि हमें आरएसएस के नाम से कोई मतलब नहीं है।
भाजपा ने जगदानंद पर किया पटलवार
भारतीय जनता पार्टी ने राजद नेता की राम मंदिर मुद्दे पर टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है। भाजपा ने अपने हमले में राजद के साथ कांग्रेस को भी लपेटा है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राजद नेता जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया कि वे राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’, राम मंदिर को ‘चहारदीवारी’, उन्मादी के राम कहते हैं। इससे पहले उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान हिंदुओं को निशाना बनाते हुए विवादित टिप्पणी की थी। हुसैन दलवई से जगदानंद सिंह तक यह विवादित टिप्पणी कोई संयोग नहीं है, बल्कि वोटबैंक के लिए एक प्रयोग है।
पूनावाला ने अपने ट्वीट में सवाल करते हुए लिखा कि हिंदू आस्था को गाली देना राजद-कांग्रेस के लिए धर्मनिरपेक्षता के बराबर है? बता दें कि बीती जुलाई में राजद नेता ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक से की थी, जिसका भाजपा ने कड़ा विरोध किया था।