क्राइम पेट्रोल देखकर कक्षा तीन के छात्र ने पुलिस को लगाया फोन, बोला-बचा लो…मेरा अपहरण हो गया

शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक बालक ने 112 डायल को फोन कर बोला बचाओ बचाओ मेरा अपहरण कर लिया गया है.. मुझे नहीं मालूम मैं कहां हूं। पुलिस नंबर ट्रेस कर बच्चे के घर पहुंची। बच्चे और पिता को थाने ले आई और बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया।

कोतवाल राजकुमार शर्मा ने बताया कि करीब 12 बजे मोहल्ला दिलाजाग निवासी मोहम्मद आरिफ के 11 वर्षीय पुत्र बिलाल ने अपने पापा के मोबाइल से पुलिस के इमरजेंसी नंबर 112 डायल पर सूचना देकर बताया कि मेरा अपहरण कर लिया गया है और मुझे नहीं मालूम मैं कहां पर हूं। बिलाल ने इतना कहने के बाद फोन काटकर स्विच ऑफ कर लिया।दिनदहाड़े अपहरण की सूचना से लखनऊ से लेकर शाहजहांपुर, तिलहर कोतवाली पुलिस में हड़कंप मच गया।

लखनऊ हेड मुख्यालय 112 डायल से जिला मुख्यालय पर सूचना आई। इसके बाद पुलिस एवं सर्विलांस टीम को सक्रिय कर दिया गया। सबसे पहले उस नंबर को तलाश किया गया जिस नंबर से बच्चे ने कॉल की थी। मोबाइल नंबर की आखिरी लोकेशन मोहम्मद आरिफ के घर की निकली। आनन-फानन में पुलिस फोर्स मोहल्ला दिलाजाग पहुंच गया और एक घर को घेर लिया। इसके बाद पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो बिलाल मोहम्मद आरिफ का बेटा निकला जो घर में ही मौजूद था, इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। अचानक पुलिस की छापेमारी से परिवार के लोग सकपका गए, उन्हें समझ नहीं आया कि आखिर पुलिस का अचानक इस तरह से छापा कैसे पड़ा और आरिफ को पुलिस क्यो ले गई।

कोतवाली में पुलिस ने जब अपहरण के मामले पर आरिफ से पूछताछ की तो पता चला कि जिस मोबाइल नंबर की वजह से आरिफ पुलिस के घेरे में आए थे, उस नंबर से उन्हीं के 11 वर्षीय बेटे बिलाल ने अपने अपहरण की झूठी सूचना दी थी। जब पुलिस पूरी तरह से संतुष्ट हो गई कि डायल 112 को कॉल करने वाला कोई और नहीं उनका आरिफ का बेटा ही था। तब उसे आरिफ को छोड़ा गया। 

क्राइम पेट्रोल सीरियल देख दी पुलिस को सूचना
कोतवाल राजकुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस के द्वारा बिलाल के अपहरण मामले में एक-एक बिंदु पर घर के सदस्यों से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि जांच में पता लगा है कि बिलाल क्राइम पेट्रोल सीरियल देखता है और उसकी कहानियों को लेकर बच्चों एवं परिजनों से चर्चा करता रहता है। कोतवाल ने बताया कि क्राइम पेट्रोल सीरियल देख कर ही झूठे अपहरण की पुलिस को सूचना देने की बात बिलाल के मन में आई, जिसके बाद बिलाल ने 112 डायल पर अपने अपहरण की झूठी सूचना दी थी। कोतवाल ने मोहम्मद आरिफ को बच्चों से दूर मोबाइल फोन रखने एवं बच्चों पर नजर रखने की कड़ी हिदायत देते हुए छोड़ दिया।

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