रेलवे स्टेशन से हटाई जाएगी 500 साल पुरानी मजार, लोगों का विरोध

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में प्लेटफार्म पर बनी मजार को लेकर रेलवे और मुस्लिम संगठन आमने-सामने आ गए हैं। रेलवे अधिकारियों ने जैसे ही मजार को हटाने के लिए नोटिस जारी किया वैसे ही मुस्लिम समाज विरोध में उतर आया। मुस्लिम नेताओं ने रेलवे अफसरों से कहा कि यदि मजार को हटाया या तोड़ा गया तो यह ठीक नहीं होगा।

बरेली के इज्ज्तनगर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 1 के पास मजार बनी हुई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर रेलवे स्टेशन पर बने सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए गए हैं। इसी के तहत जिन-जिन स्टेशनों और प्लेटफार्म पर अतिक्रमण है, वहां नोटिस जारी किए गए हैं, जिससे लोग खुद ही उस अतिक्रमण को हटा लें। बरेली मंडल के सभी स्टेशनों पर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू किया गया है, जिसमें कई स्टेशनों पर धार्मिक अतिक्रमण भी बना हुआ है। धीरे-धीरे अतिक्रमण बढ़ जाते हैं और वह रेलवे की कीमती जमीन पर कब्जा कर लेते हैं।

रेलवे प्रशासन की ओर से सात दिसंबर को इस संबंध में एक नोटिस भी चस्पा किया गया है। इसमें 28 दिसंबर तक मजार हटाने की चेतावनी दी गई है। इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जमात ए रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय सचिव डॉ मेंहदी हसन ने कहा कि यह मजार आजादी के समय भी थी। पूर्व में इस मजार का सौंदर्यकरण भी किया गया। हम इस मामले में रेलवे अधिकारियों को पूरी बात बता चुके हैं। हम अमन और चैन चाहते हैं, इसलिए इस मजार को न हटाया जाए।

दरगाह आला हज़रत/ताजुश्शरिया ने अपने प्रेसनोट में कहा है कि पीर जी की मजार-शरीफ को तोड़े जाने की हालिया खबरों ने देश भर में पीर जी की मजार पर आस्था रखने वाले सभी मुसलमानों को झटका दिया है। मध्यकालीन युग (1526) ईस्वी के बाद से भारत में मौजूद एक प्रमुख सूफी पीर हैं, पीर जी ने जीवन में और अपने जीवन के बाद कई चमत्कार दिखाए हैं। पीर जी की दरगाह इज्जतनगर रेलवे स्टेशन बरेली, यूपी में 1526 ई. से मौजूद है। इज्जतनगर रेलवे स्टेशन स्थित पीर जी दरगाह को तोड़ने की खबरों से मुसलमानों में रोष का माहौल है।

सलमान मिया के निर्देशनुसार डॉ मेहंदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इज्जतनगर स्थित डीआरएम से मिला और उनके माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। जमात रज़ा के वरिष्ठ सदस्य शमीम अहमद ने कहा कि बरेली का अमन व अमान क़ायम रखने के लिए इस तरह की कोई नापाक साज़िश न की जाये। जिससे बरेली का माहौल न बिगड़े। हम अधिकारों से गुज़ारिश करते हैं कि पीर जी की दरगाह को तोड़ने की कोई कोशिश न करें। यह भी कहा गया है कि सरकार मजार और पीर को निशाना बना रही है।

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