नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कोरोना के कहर के पीछे की वजह ऑमिक्रोन के BF.7 सब-वैरिएंट को माना जा रहा है। भारत में गुजरात में दो और ओडिसा में एक मरीज में BF.7 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है।
कोरोना के BF.7 वेरिएंट को कई देशों में काफी खतरनाक माना जाता है। कोई भी वायरस जब म्यूटेट होता है तो वे अपने वेरिएंट और सब-वेरिएंट बनाते हैं। इसी तरह SARS-CoV-2 वायरस कोरोना का मुख्य तना है और उसके अलग-अलग वेरिएंट और सब-वेरिएंट हैं। BF.7 भी BA.5.2.1.7 की तरह हैं, जो ओमीक्रोन का सब-वेरिएंट है। सेल होस्ट एंड माइक्रोब जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि BF.7 सब-वेरिएंट में ओरिजिनल D614G वेरिएंट की तुलना में 4.4 गुना ज्यादा न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस है। इसके चलते लोगों के अंदर मौजूद एंटीबाडी BF.7 को नष्ट करने में बहुत कम सक्षम है।
इस महीने की शुरुआत में ‘सेल होस्ट एंड माइक्रोब’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि BF.7 सब-वैरिएंट में मूल D614G वैरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोध है। BF.7 सबसे लचीला सब-वैरिएंट नहीं है। उसी अध्ययन में BQ.1 नामक एक अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट में 10 गुना से अधिक उच्च न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस होने की भी जानकारी सामने आई है। एक उच्च न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस का मतलब है कि किसी आबादी में वैरिएंट के फैलने की संभावना अधिक है। अक्टूबर महीने में अमेरिका में पांच फीसदी से अधिक BF.7 वैरिएंट के मामले सामने आए थे, जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा 7.26 फीसदी था। पश्चिमी देशों समेत पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स इस वैरिएंट पर करीब से नजर बनाए हुए हैं और सतर्क हैं।
BF.7 वेरिएंट के लक्षण क्या हैं
इस वेरिएंट के लक्षण ओमीक्रोन के दूसरे सबवेरिएंट के समान हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, थकान, उल्टी और दस्त के लक्षण दिख सकते हैं। यह सब-वेरिएंट कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। BF.7 सब-वेरिएंट अपने क्लास में अब तक ज्ञात अन्य सभी की तुलना में सबसे अधिक संक्रामक है। माना जाता है कि यह वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है और उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जिन्होंने वक्सीन ली हुई है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि BF.7 सब-वेरिएंट का रिप्रोडक्शन नंबर यानी R 10 से 18.6 है। इसका मतलब यह है कि BF.7 से संक्रमित व्यक्ति 10 से 18.6 लोगों को कोरोना संक्रमित कर सकता है।
वैक्सीन की चौथी डोज कर सकती है मदद
डॉ. अमिताभ घोष (कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, मणिपाल हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम) का कहना है कि नया वैरिएंट उतना घातक नहीं है, लेकिन यह अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है। वे आगे कहते हैं, ”ऑमिक्रोन के अन्य वैरिएंट की तरह, BF.7 भी एक अन्य सब-वैरिएंट है जिसकी ट्रांसमिशन दर बहुत तेज़ है। कई डेटा के अनुसार, इस वैरिएंट के लिए घातक होने की दर अधिक नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से यह अन्य की तुलना में तेजी से प्रसारित होता है। भारत में मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती होने के बहुत कम मामले हैं, लेकिन यह एक व्यक्ति की इम्यूनिटी समेत कई अन्य कारणों पर निर्भर करता है।” डॉ. का मानना है कि वैक्सीन के चौथे डोज से संभावित मौतों को रोका जा सकता है।
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