वडनगर। पीएम नरेंद्र मोदी की जन्मस्थली वडनगर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की संभावित लिस्ट में शामिल किया है। इसके साथ मोढेरा के सूर्य मंदिर और त्रिपुरा में चट्टानों को काटकर बनाई गई आकृतियां उनाकोटि को भी इस लिस्ट में जगह दी गई है।
यूनेस्को की संभावित धरोहर सूची ऐसी लिस्ट होती है जिसको कोई देश खुद से तैयार करता है। इसका मतलब है कि इन स्थानों को विश्व धरोहर स्थलों में शामिल करवाना चाहता है। हालांकि जरूरी नहीं होता है कि यूनेस्को इन जगहों को अपनी सूची में जगह दे। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने एएसआई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए नई जगहों की पहचान करके एएसआई प्रशंसनीय कार्य कर रहा है।
वडनगर क्यों चुना गया?
पुराने दस्तावेजों पर नजर डालें तो वडनगर 2500 साल पुराना ऐतिहासिक शहर है। 7वीं शताब्दी में भारत आए चीनी यात्री ह्वेन त्सांग की यात्रा में वडनगर का जिक्र किया गया है। वडनगर में बौद्ध धर्म का प्रभाव रहा है। यहां के कई हिस्सों में जैन गुफाएं मौजूद रहीं और सोलंकी शासकों ने कई स्मारक बनवाए। इस तरह धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों तरह से वडनगर महत्वपूर्ण है।
वडनगर के प्राचीन होने की पुष्टि कई बार यहां खुदाई में मिले अवशेषों के जरिए भी हुई है। खुदाई के दौरान मिट्टी के प्राचीन बर्तन, गहने और अलग तरह के हथियार मिले हैं। कई पुरातत्वविदों का मानना है कि वडनगर हड़प्पा सभ्यता के पुरात्तत्वस्थलों में से एक है, यह ऐसी सभ्यता है जिसे भारत की प्राचीन सभ्यता माना जाता है। कहा जाता है कि वडनगर एक समय अर्जुन बारी, नादीओल, अरथोल, घसकोल, पिथोरी और अमरथोल नाम के 6 तरह गेटों से घिरा था. इनमें से अमरथोल को प्राचीन गेट माना जाता है।
अब तक 52 जगहों को मिली जगह
भारत में अब तक यूनेस्को ने 52 जगहों को अपली लिस्ट में शामि किया है। ये जगहें सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदाएं हैं। पिछले साल एएसआई ने 6 जगहों का नाम प्रस्तावित किया था। इसमें सतपुड़ा का टाइगर रिजर्व, वाराणसी का रिवरफ्रंट, हीरे बेंकल की मेगाथिलिक साइट, महाराष्ट्र में मराठा सैन्य छावनी, नर्मदा वैली का भेडाघाट-लामेटाघाट और कांचीपुरम शामिल था।