यूपी निकाय चुनाव में आरक्षण पर आज नहीं आया फैसला, कल भी जारी रहेगी सुनवाई

लखनऊ। यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मामले की अगली सुनवाई बुधवार को करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अधिसूचना जारी करने पर लगी रोक भी बुधवार तक के लिए बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार की ओर से मामले में प्रति शपथ पत्र दाखिल किया गया।

सोमवार को दाखिल किए गए अपने हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए। दायर याचिकाओं के पक्षकारों को उपलब्ध कराए गए जवाबी हलफनामे में सरकार ने कहा है कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए। शहरी विकास विभाग के सचिव रंजन कुमार ने हलफनामे में कहा है कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

हाई कोर्ट ने 12 दिसंबर को निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने पर अंतरिम रोक लगाई थी। मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर फंसा है, जिसके लिए याचिका दाखिल की गई है। वैभव पांडेय और अन्य के नाम से दाखिल याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया गया है, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट का फॉर्म्युला अपनाने को कहा था। आरोप है कि सरकार ने बिना ट्रिपल टेस्ट के रैपिड टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय कर दिया।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। वहीं राज्य सरकार ने भी कहा है कि उसने आरक्षण के लिए रैपिड टेस्ट करा लिया था और इसी के आधार पर आरक्षण तय किए गए हैं। राज्य सरकार ने कोर्ट में दावा किया है कि याचिकाकर्ताओं की अपील पोषणीय नहीं है। अगर उन्हें आरक्षण पर कोई आपत्ति थी तो वे प्रत्यावेदन देकर अपनी बात रख सकते थे।

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