मारुति से लेकर टाटा तक, अगले साल से बंद हो सकती हैं 17 गाड़ियां

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नई दिल्ली। अगला साल यानी 2023 गाड़ी खरीदने वालों के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहने वाला है, पहले कंपनियों ने कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया तो अब खबरें सामने आ रही हैं कि 2023 में 17 गाड़ियां बंद होने वाली हैं। इसके पीछे का कारण अप्रैल 2023 से गाड़ियों के लिए लागू होने वाले नए रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) उत्सर्जन मानक को बताया जा रहा है।

नया उत्सर्जन मानक या RDE,भारत में BS-VI उत्सर्जन मानदंडों के चरण 2 के रूप में लाया जा रहा है, जो रीयल-टाइम ड्राइविंग उत्सर्जन स्तरों की निगरानी के लिए ऑनबोर्ड सेल्फ डाइग्नोस डिवाइस है। यह गाड़ी से निकलने वाले धुएं पर कड़ी नजर रखेगा और उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए उत्प्रेरक कनवर्टर और ऑक्सीजन सेंसर जैसे प्रमुख हिस्सों की लगातार निगरानी करेगा। इसके लिए यह वास्तविक जीवन के वाहनों से निकलने वाले NOx जैसे प्रदूषकों को मापता है।

नए मानकों के आने से बीएस 6 स्टेज 2 के नियमों को पूरा नहीं करने वाली गाड़ियों की बिक्री को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, दिल्ली जैसे शहरों पर 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को चलाने से रोक दिया गया है। बदलाव के रूप में ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट इंजनों को लाया जा रहा है, जिससे CO2 उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा।

कार निर्माताओं को अपने कार इंजनों को अपग्रेड करने की आवश्यकता होगी जो मौजूदा इंजनों की तुलना में अधिक महंगे हो सकते हैं। इन नए एमिशन नॉर्म्स से सबसे ज्यादा असर डीजल कारों पर पड़ेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियां नए नियमों का पालन करने के लिए कुछ मॉडल्स को बंद करने पर भी विचार कर रही हैं।

इन 17 गाड़ियों को बंद किया जा सकता है
टाटा अल्ट्रोज डीजल, महिंद्रा मराजो, महिंद्रा अल्टुरस जी4, महिंद्रा केयूवी100, स्कोडा ऑक्टेविया, स्कोडा सुपर्ब, रेनो क्विड 800, निसान किक्स, मारुति सुजुकी ऑल्टो 800, टोयोटा इनोवा क्रिस्टा पेट्रोल, हुंडई i20 डीजल, हुंडई वरना डीजल, होंडा सिटी 4th Gen, होंडा सिटी 5th Gen डीजल, होंडा अमेज डीजल, होंडा जैज, होंडा डब्ल्यूआर-वी

कीमतों पर भी पड़ेगा असर
नए एमिशन नॉर्म्स के आने से गाड़ियों के इंजन पर बहुत से नए बदलाव करने पड़ रहे हैं, इससे गाड़ियों की कीमतें बहुत बढ़ जाएंगी। पीछली बार 2020 में जब BS6 मानक वाले इंजनों को लाया गया था, तब गाड़ियों की कीमतें 50,000 और 90,000 रुपये और दोपहिया वाहनों की कीमत 3,000 और 10,000 के बीच बढ़ गई थी।

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