पटना। बिहार में जहरीली शराब पीने से मौतों का तांडव जारी है। अब तक 65 लोगों की जानें जा चुकी हैं। कई लोगों की अभी भी हालत गंभीर बनी हुई है। शराबबंदी वाले राज्य में मौत का सिलसिला जारी है। मौतों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सदन में पीड़ित परिवार को 10-10 लाख मुआवजा देने की मांग उठाई। इस पर नीतीश ने कहा, ‘दारू पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी। एक पैसा नहीं देंगे।’
मशरक थाना क्षेत्र से मशरक तख्त, यदू मोड़, पचखंडा, बहरौली बेनछपरा घोघियां, गंगौली, गोपालवाड़ी, हनुमानगंज तथा इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला और महुली के साथ अमनौर और मढौरा में लोगों की जहरीली शराब पीने से मौतें हुई हैं। कई लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई हैं। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
वहीं शुक्रवार को बिहार विधान सभा सत्र के दौरान नीतीश कुमार से जब विपक्ष ने सवाल के जवाब में कहा शराब पीकर मृत्यु पर हम उसे सहायता राशि देंगे? ये सवाल ही नहीं पैदा होता… इसलिए यह बातें सही नहीं है। जब हम संसद का चुनाव लड़ते थे तब पार्टियां हमारे साथ नहीं थी फिर भी CPI-CPM के लोग हमारा साथ देते हैं।
बिहार सीएम ने कहा जो गड़बड़ पिएगा वो मरेगा। मत पियो, जो पिएगा वो मरेगा,और जो शराब पीकर मरेगा उसके परिवार को कोई मुआवजा नहीं दिया देंगे। उन्होंने विधानसभा सत्र में कहा ये लोग किस तरह की सहानभूति के लायक नही है।
बता दें 1 अप्रैल 2016 को नीतीश सरकार ने बिहार में शराबबंदी की थी। उस समय बिहार में भाजपा के साथ नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार थी और अभी कुछ माह पहले नीतीश कुमार ने भाजपा से नाराज होकर उससे नाता तोड़र लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी और तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया।
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